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नवजातों की जान बचाने जुटे विशेषज्ञ, आसनसोल में डॉक्टरों की अहम बैठक

आसनसोल:
नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर शनिवार, 29 जून को आसनसोल में डॉक्टरों की एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। यह बैठक ‘Neonatology Society West Bengal’ के बैनर तले आयोजित Mid Term CME कार्यक्रम के तहत हुई, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से नवजात विशेषज्ञ और बाल रोग चिकित्सक शामिल हुए।

🩺 नवजातों की समस्याओं पर केंद्रित रहा कार्यक्रम

इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने जन्म के तुरंत बाद बच्चों को होने वाली समस्याएं जैसे श्वसन तंत्र की कमजोरी, सेप्सिस (संक्रमण), कम वजन, प्रीमैच्योर डिलीवरी और अन्य जटिलताओं पर गहराई से चर्चा की।

विशेषज्ञों ने कहा कि यदि समय रहते सही इलाज और सावधानी बरती जाए, तो इन समस्याओं से नवजात मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।

💡 इलाज के नए तकनीकी विकल्पों पर चर्चा

बैठक में यह भी बताया गया कि आज के दौर में नवजातों के इलाज और देखभाल के लिए नई तकनीकों और उपकरणों की मदद से इलाज और भी प्रभावी बन गया है। विशेषज्ञों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता बढ़ाकर बेहतर परिणाम लाए जा सकते हैं।

👨‍⚕️ विशेषज्ञों का मानना – “एक्शन जल्दी, जीवन सुरक्षित”

डॉक्टरों ने यह भी जोर दिया कि अस्पतालों में Delivery Room Protocol को बेहतर बनाकर और नर्सों को उचित प्रशिक्षण देकर नवजातों की शुरुआती जिंदगी को सुरक्षित किया जा सकता है।

📌 आयोजन का उद्देश्य

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों को नवीनतम रिसर्च और क्लिनिकल प्रैक्टिस से अपडेट कराना था, ताकि वे जटिल केसों में बेहतर निर्णय ले सकें।

  • नवजातों की सुरक्षा को लेकर पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हुआ मंथन
  • जन्म के पहले 24 घंटे को बताया गया सबसे निर्णायक समय
  • ग्रामीण भारत में बढ़ती नवजात जटिलताओं पर गहरी चिंता व्यक्त
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