आसनसोल, 26 अक्टूबर: आसनसोल रेलपार इलाके में वर्षों से चल रहे बहुचर्चित चिटफंड घोटाले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने इसके कथित मास्टरमाइंड तहसीन अहमद को गिरफ्तार कर लिया है। रविवार को आसनसोल नॉर्थ थाना पुलिस ने उसे पकड़कर आसनसोल कोर्ट में पेश किया, जहां पुलिस ने आरोपी की रिमांड की मांग की है ताकि घोटाले में शामिल अन्य सहयोगियों तक पहुंचा जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने तहसीन अहमद के पास से करीब 250 ग्राम सोना, भारी मात्रा में चांदी के गहने और नकदी बरामद की है। हालांकि पुलिस ने इन बरामदियों की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की है, लेकिन जांच एजेंसियां अब पूरे चिटफंड नेटवर्क की जड़ तक जाने में जुटी हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, तहसीन अहमद पिछले कई वर्षों से रेलपार इलाके में चिटफंड कंपनी के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था। उसने इलाके के सैकड़ों लोगों को ऊंचे ब्याज और जल्दी दोगुना रकम लौटाने का लालच देकर ठगा। बताया जा रहा है कि कई परिवारों की पूरी जीवनभर की बचत इस घोटाले में डूब गई है।
पुलिस को शक है कि तहसीन अहमद के पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था, जिसमें कई स्थानीय कारोबारी और प्रभावशाली लोग भी शामिल हो सकते हैं। इस मामले में अब ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की भी जांच की संभावना जताई जा रही है।
इस घटना पर आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,
“राज्य में प्रशासन की नाक के नीचे इतने सालों तक चिटफंड का खेल चलता रहा। पुलिस और सरकार क्या कर रही थी? आखिर किनकी शह पर तहसीन अहमद जैसे ठग लोग आम जनता को लूटते रहे?”
अग्निमित्रा पाल ने मामले की सीबीआई जांच की मांग भी उठाई है और कहा कि यह कोई छोटा स्थानीय घोटाला नहीं, बल्कि “राजनीतिक संरक्षण में चल रहा करोड़ों का रैकेट” है।
इधर, पुलिस ने बताया कि तहसीन अहमद से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे की उम्मीद है। यह भी आशंका है कि इस घोटाले की रकम का कुछ हिस्सा बाहरी राज्यों में निवेश किया गया है।
आसनसोल में यह गिरफ्तारी शहर के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक मानी जा रही है, जिसने सैकड़ों परिवारों को आर्थिक संकट में डाल दिया है।












