“5200 में नहीं चलेगा घर!” आशा कर्मियों का फूटा गुस्सा, आंदोलन की चेतावनी

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आसनसोल: रविवार को AIUTUC यूनियन के बैनर तले आसनसोल बार एसोसिएशन सभागार में आयोजित आशा कर्मियों के सम्मेलन में उनकी गूंजती आवाज़ और सशक्त उपस्थिति ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का संकल्प लिया। बड़ी संख्या में एकत्र हुईं आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन वृद्धि, सरकारी मान्यता, और सुरक्षा लाभों को लेकर अपनी जायज़ मांगें रखीं।

🧕 “5200 रुपये में कैसे चलेगा घर?” — आशा कर्मियों की पीड़ा

सम्मेलन का नेतृत्व कर रहीं यूनियन नेत्री उषा आचार्य ने कहा:

“आशा कर्मियों को मात्र ₹5200 मासिक मिलता है, जो मौजूदा महंगाई में मज़ाक से कम नहीं है।”

उन्होंने मांग की:

  • न्यूनतम वेतन ₹15,000
  • सेवा के दौरान मृत्यु पर ₹5 लाख मुआवज़ा
  • सेवानिवृत्ति पर ₹5 लाख सहायता
  • सरकारी कर्मी का दर्जा और स्थायी मान्यता

⚠ आंदोलन का बिगुल, कालीघाट घेराव की घोषणा

उषा आचार्य ने दो टूक कहा कि अगर सरकार ने इन मांगों को नजरअंदाज़ किया, तो आने वाले दो महीनों में राज्यभर में व्यापक आंदोलन होगा।
22 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट आवास का घेराव भी प्रस्तावित है।

💪 एकजुटता की मिसाल बनीं आशा कार्यकर्ता

सम्मेलन में संघर्ष और साहस की जो झलक देखने को मिली, वह यह स्पष्ट कर गई कि आशा कर्मियों का यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं।
उनकी मांग सिर्फ वेतन की नहीं, सम्मान और अधिकार की है

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