दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल):
जहां एक तरफ आम जनता समाज में सुधार और शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ असामाजिक तत्वों का दुस्साहस लगातार बढ़ता जा रहा है। दुर्गापुर के वार्ड 41 के महानंदा पल्ली इलाके में असामाजिक कार्यों का विरोध करना एक शख्स को इतना महंगा पड़ गया कि उसकी चार चक्का गाड़ी को रात के अंधेरे में आग के हवाले कर दिया गया। पूरा परिवार उस वक्त घर में मौजूद था, लेकिन समय रहते जागने से सभी की जान बच गई।
घटना के पीड़ित सुवीर सरकार, जो ‘बांग्ला पक्ष’ संगठन से जुड़े हुए हैं, पिछले कई दिनों से इलाके में चल रही शराब, जुआ और गाली-गलौज जैसी गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उन्होंने कोकओवन थाने में शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस ने एक कार्रवाई में एक युवक की बाइक जब्त की।
इसके बाद से ही सुवीर सरकार और उनके परिवार को धमकियां मिलने लगीं। मंगलवार देर रात को, अचानक घर के सामने लगी SUV से आग की लपटें उठने लगीं। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन वाहन पूरी तरह जलकर खाक हो गया।
👮♂️ दो आरोपी गिरफ्तार, एक फरार – इलाके में तनाव
कोकओवन थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य आरोपी अब भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
🗣️ “सच बोलना अब गुनाह हो गया है क्या?” – विपक्ष ने उठाए सवाल
इस घटना पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो चुके हैं। विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है कि क्या अब बंगाल में सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाना ही सबसे बड़ा अपराध बन गया है?
पूर्व तृणमूल पार्षद शिपुल साहा ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि “दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।”
🧕 परिवार डरा-सहमा, फिर से बड़ी वारदात की आशंका
सुवीर सरकार की पत्नी ने बताया कि पूरा परिवार अब दहशत में जी रहा है और उन्हें डर है कि अगली बार हमला और बड़ा हो सकता है। “हम अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं,” उन्होंने कहा।