अंडाल: सोशल मीडिया विज्ञापन के बहाने लोगों को ठगने वाले बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। साउथ बाजार असगर पली क्षेत्र में गुप्त सूचना के आधार पर साइबर विभाग की पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश जारी है।
साइबर क्राइम से जुड़े अधिकारी विश्वजीत मुखर्जी ने बताया कि “हमें शिकायत मिली थी कि अंडाल क्षेत्र में एक गिरोह सोशल साइट पर विज्ञापन देने का लालच दिखाकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगी कर रहा है। शिकायत की जांच के बाद हमने जाल बिछाकर इस गिरोह के 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल मास्टरमाइंड फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।”
पुलिस ने आरोपियों के पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, फर्जी आईडी और भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद किए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह गिरोह पिछले कई महीनों से सक्रिय था और देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को निशाना बनाकर लाखों रुपये की ठगी कर चुका है।
इस गिरोह का तरीका बेहद चालाकी भरा था। वे फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर “विज्ञापन पेड सर्विस” या “स्पॉन्सर्ड पोस्ट” का झांसा देकर यूज़र्स से पैसे ट्रांसफर करवाते थे। फिर विज्ञापन लगाने के नाम पर उनका पैसा हड़प लेते थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह के पकड़े गए सदस्यों से गहन पूछताछ चल रही है। उम्मीद है कि पूछताछ के बाद इस ठगी रैकेट के मास्टरमाइंड तक पुलिस जल्द पहुंच जाएगी। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी अनजान विज्ञापन एजेंसी या सोशल मीडिया लिंक के जरिए पैसे न भेजने की सलाह दी है।
साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तरह के मामले डिजिटल जागरूकता की कमी का फायदा उठाते हैं। पुलिस ने भी अपील की है कि “यदि आपको किसी संदिग्ध विज्ञापन या ऑनलाइन ऑफर का मैसेज मिले तो तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।”
अंडाल पुलिस की इस कार्रवाई से इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है और उम्मीद जताई है कि इस तरह की ठगी करने वाले सभी नेटवर्क जल्द ही कानून के शिकंजे में होंगे।












