कोलकाता में एआईएमआईएम ने वक्फ संशोधन बिल 2024 पर जताई चिंता, जेपीसी को सौंपा ज्ञापन

कल शाम, कोलकाता स्थित आईटीसी रॉयल बंगाल होटल में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की ओर से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें पश्चिम बंगाल राज्य एआईएमआईएम के नेता और पश्चिम बर्धमान जिले के अध्यक्ष दानिश अजीज ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को वक्फ संशोधन बिल 2024 पर अपना ज्ञापन सौंपा। इस बैठक में एआईएमआईएम के कई वरिष्ठ नेता और प्रतिनिधि मौजूद थे, जिनमें इमरान सोलंकी (पश्चिम बंगाल राज्य कोर कमेटी सदस्य), रेयाज अहमद (पश्चिम बंगाल राज्य एआईएमआईएम नेता), और असदुल शेख (महासचिव, उत्तर बंगाल क्षेत्र एआईएमआईएम समिति) प्रमुख थे।

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एआईएमआईएम की बैठक में प्रमुख बिंदु:

बैठक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संशोधन बिल 2024 के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना था। पार्टी ने जेपीसी के सामने अपनी चिंताओं और सुझावों को रखा। एआईएमआईएम के प्रतिनिधियों ने बिल के प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई कि यह बिल मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और वक्फ संपत्तियों की रक्षा करता है।

एआईएमआईएम के नेताओं ने इस बिल के प्रति अपनी चिंताओं को स्पष्ट करते हुए बताया कि वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में किसी भी प्रकार की सरकार की अधिक दखलंदाजी मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ हो सकती है। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एआईएमआईएम के प्रतिनिधि लगातार बैठक कर रहे हैं, ताकि इस बिल को लेकर उनकी राय सरकार तक पहुंचे।

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बैठक में उपस्थित अन्य नेता और प्रतिनिधि:

इसके अलावा, राज्य के कई अन्य नेता और प्रतिनिधि भी इस महत्वपूर्ण चर्चा में मौजूद थे। एआईएमआईएम के प्रतिनिधियों ने बैठक में अपने विचार साझा किए और इस बिल के खिलाफ अपने विरोध को प्रकट किया। एआईएमआईएम का मानना है कि वक्फ संपत्तियों का प्रशासन और नियंत्रण मुस्लिम समुदाय के हाथों में होना चाहिए, न कि सरकार के।

भविष्य की रणनीति:

एआईएमआईएम इस मुद्दे पर आगामी दिनों में और भी रणनीतियाँ तैयार कर रही है, ताकि वक्फ संशोधन बिल 2024 पर मुस्लिम समुदाय की आवाज को संसद में सही तरीके से रखा जा सके।

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