अहमदाबाद: आज दोपहर १२ जून २०२५ को, १:३८ बजे अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की बोइंग 787-8 फ्लाइट (AI-171) सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरते समय भयानक दुर्घटना का शिकार हो गई। विमान में कुल २४२ यात्री और क्रू सदस्य सवार थे, जिनमें १६९ भारतीय, ५३ ब्रिटिश, ७ पुर्तगाली और १ कनाडाई नागरिक शामिल थे।
दुर्घटना स्थल बीजेएमसी बॉयज हॉस्टल के पास था, जहां कम से कम १५ मेडिकल छात्र घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
🛑 हवाई अड्डा बंद, सभी उड़ानें स्थगित
एयरपोर्ट प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि:
“अगली सूचना तक सारी उड़ान सेवाएं अस्थायी रूप से बंद रहेंगी। सभी यात्रियों से अनुरोध है कि वे एयरलाइंस से संपर्क कर आगे की जानकारी लें।”
🔥 तीन धमाके, आग का गुबार और अफरा-तफरी
मेघाणीनगर क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के समय तीन जोरदार धमाके सुनाई दिए और आसमान में धुएं का गुबार फैल गया। चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। NDRF, NSG और अर्धसैनिक बलों को तुरंत मौके पर भेजा गया। अहमदाबाद फायर सर्विस की पांच से अधिक गाड़ियाँ आग बुझाने के लिए पहुंचीं।
🧑✈️ पायलट सुमित सबरवाल समेत ११ क्रू सदस्य विमान में मौजूद
सूत्रों के अनुसार, पायलट सुमित सबरवाल और उनके साथ ११ अन्य क्रू सदस्य भी विमान में मौजूद थे। कुछ के घायल होने की पुष्टि हुई है, और कई के मरने की भी आशंका जताई जा रही है। चौंकाने वाली बात ये है कि विमान का ‘मेडे कॉल’ रिसीव नहीं किया गया, जो गंभीर लापरवाही का संकेत हो सकता है।
🏥 राज्य के बड़े नेता अस्पताल पहुंचे
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल घायल यात्रियों को देखने सिविल अस्पताल पहुंचे। वहीं गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से बात की है।
🔍 DGCA और AAIB ने शुरू की जांच
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की एक विशेष टीम को अहमदाबाद रवाना किया गया है। एयरपोर्ट प्राधिकरण और एयर इंडिया मिलकर तकनीकी जांच कर रहे हैं।
⚠️ क्या पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी विमान में थे?
सूत्रों के अनुसार, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस विमान में सवार थे। हालांकि इस जानकारी की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
📌 निष्कर्ष:
यह हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं बल्कि देश की एविएशन सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल बनकर सामने आया है। अब सवाल ये है कि क्या दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी या यह भी एक और “लंबी जांच” बनकर रह जाएगा।