कोलकाता (प्रेम शंकर चौबे) : अपनी संस्कृति के लिए विश्व विख्यात पश्चिम बंगाल हमेशा से ही केंद्र की राजनीतिक सुर्खियों में बना रहता है। सूबे में अगले साल (2026) में विधानसभा निर्वाचन प्रस्तावित है। इसके लिए सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। टीएमसी अपनी सत्ता को बरकरार रखने को बेताब है, तो वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी चुनावी समर शंख फूंक दिया है। बीजेपी इस बार भी पूरी दमखम के साथ मैदान में है और टीएमसी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के सपने संजोय है। इस बीच निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। एक्शन मोड में आए चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में जहां वोटर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, दूसरी ओर आयोग ने कथित मतदाता सूची में हेरफेर करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए दो ERO को निलंबित कर दिया है, जबकि 2 AERO सस्पेंड भी किए गए हैं। 3 WBCS अधिकारियों समेत 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है। इस बाबत चुनाव आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सूचित भी किया है। आयोग द्वारा चीफ सेक्रेट्री को भेजे गए पत्र में राज्य के निर्वाचन अधिकारियों से मतदाता सूची के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। आयोग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बिहार के बाद अब बंगाल में विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) का काम किया जा रहा है। चूंकि अगले साल मार्च-मई के दरमियान चुनाव प्रक्रिया चलेगी। उसके पहले फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं होंगी। इस साल सितंबर-अक्तूबर में बंगाल का प्रमुख त्योहार दुर्गापूजा सहित फेस्टीव सीजन चलेंगे, ऐसे में आयोग पहले ही SIR का काम पूरा कर लेना चाहता है, ताकि किसी भी पक्ष को परेशानी न हो।
दूसरी ओर, कथित तौर पर मतदाता सूची में ‘हेरफेर’ करने के मामले में चुनाव आयोग ने बारुईपुर (पूर्व) और मोयना के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अफसर (ERO) को निलंबित कर दिया है। वहीं, इन क्षेत्रों के 2 असिस्टेंस इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अफसर (AERO) भी सस्पेंड किए गए हैं, जबकि 3 WBCS अधिकारियों समेत 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है। आयोग के इस कड़े कदम से पूरे अधिकारी महकमे में हड़कंप का माहौल है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने डेटा सुरक्षा नीति का उल्लंघन करते हुए अनधिकृत व्यक्तियों के साथ मतादता सूची (ER Database) के लॉगइन क्रेडेंशियल साझा किया। आयोग के अनुसार, देबोत्तम दत्त चौधरी (WBCS 2012 बैच), तथागत मंडल (सहायक कार्यक्रम अधिकारी), बिप्लब सरकार (WBCS 2012 बैच), सुदीप्त दास (पंचायत लेखा व लेखा परीक्षा अधिकारी) के खिलाफ कार्रवाई की गई है। आयोग ने इन अधिकारियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से अनुशानात्मक कार्रवाई शुरू करने और प्राथिमकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावे, एक कैजुअल डेटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हल्दर के खिलाफ भी प्राथिमकी दर्ज करने के आदेश जारी कए गए हैं। इसके साथ ही केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी को इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट अविलंब सौंपने का भी निर्देश दिया है। बता दें कि आयोग के इस कड़े कदम के बाद अब यह अटकलें लगने लगी हैं कि जब आगाज ऐसा है तो फिर अंजाम क्या होगा?
सनद रहे कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम अपने अंतिम चरण में है। एसआईआर प्रक्रिया के तहत राज्य में 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई है। इस प्रक्रिया के बाद बिहार में करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे. इनमें ज्यादातर वे मतदाता हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. बाकी ऐसे वोटर हैं जो स्थायी रूप से किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो चुके हैं. कुछ ऐसे मतदाता भी हैं, जिनके नाम एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज था. हालांकि, विपक्ष चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध कर रहा है।
चार विधानसभा केंद्रों की 2002 की मतदाता सूची हुई ‘गायब’

बंगाल के चार विधानसभा केंद्रों की वर्ष 2002 की मतदाता सूची ‘गायब’ हो गई है। इनमें दक्षिण 24 परगना जिले के कुलपी व बीरभूम के मुराराई, राजनगर व रामपुर विस केंद्र शामिल हैं।
इन केंद्रों से संबंधत जिला चुनाव अधिकारियों (जिलाधिकारी ) से मतदाता सूची मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार मतदाता सूची नहीं मिल पाने की सूरत वर्ष 2003 की मतदाता सूची को प्रकाशित किया जाएगा।
प्राथमिक शिक्षकों को बीएलओ के रूप में करना होगा काम: हाईकोर्ट
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से पहले विभिन्न जिलों की 2002 की मतदाता सूची प्रकाशित करने का काम शुरू किया है। वहीं कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि बंगाल के प्राथमिक शिक्षकों को बीएलओ के रूप में काम करना होगा।
सूबे के दो विस क्षेत्रों में मिले 102 फर्जी मतदाता
बंगाल के मयना व बारुईपुर पूर्व के बाद अब नंदकुमार व राजारहाट- गोपालपुर विधानसभा क्षेत्रों में 102 फर्जी मतदाताओं के नाम सामने आए हैं। इसे लेकर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने उन विस क्षेत्रों के चुनाव पंजीकरण अधिकारियों से जवाब तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक आरोप साबित होने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।












