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काम न करने वाले तृणमूल कार्यकर्ताओं को अभिषेक की कड़ी चेतावनी, कहा- ‘अगर आप जिम्मेदारी नहीं ले सकते, तो हट जाइये’,

कोलकाता : 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी के कमजोर और काम न करने वाले कार्यकर्ताओं को कड़ी चेतावनी दी। साथ ही उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर बंगाली भाषी लोगों को कथित तौर पर मतदाता सूची से बाहर किए जाने को लेकर तीखा हमला बोला।

टीएमसी नेता ने पार्टी नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक की। इस दौरान बनर्जी ने कहा कि जो बूथ अध्यक्ष काम करने में विफल रहेंगे, उन्हें हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग सिर्फ अपने फायदे के लिए राजनीति कर रहे हैं, उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘अगर आप जिम्मेदारी नहीं ले सकते, तो हट जाइये।’

बंद कमरे में हुई इस वर्चुअल बैठक में कई टीएमसी नेताओं के अनुसार, बनर्जी ने कहा, ‘यह चुनाव सिर्फ वोटों का नहीं है, यह हमारी पहचान, हमारी भाषा और हमारी गरिमा की रक्षा का है। भाजपा हर बंगाली को बांग्लादेशी बताना चाहती है। हमें जमीनी स्तर पर अदालत में और चुनाव आयोग के सामने इसका विरोध करना होगा।’

बूथ स्तर के नेताओं को सतर्क रहने की चेतावनी दी

अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग की चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का हवाला देते हुए चेतावनी दी कि बूथ स्थर के नेताओं को सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जा रहे हैं। एक पार्टी विधायक ने उनके हवाले से कहा, ‘इस काम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’

भाजपा चुनाव आयोग के जरिये पिछले दरवाजे का कर रही इस्तेमाल

एक टीएमसी नेता ने कहा, ‘उन्होंने बूथ स्तर के अध्यक्षों को सतर्क रहने को कहा है। अगर भाजपा समर्थित बीएलओ या अधिकारी इस प्रक्रिया में हेराफेरी कर रहे हैं, तो उनके नाम जिला अध्यक्षों को बताए जाएं, जो इसे शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाएंगे।’ उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों में लोगों को जारी किए गए एनआरसी नोटिस का हवाला देते हुए, बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव आयोग के जरिये पिछले दरवाजे का इस्तेमाल करके नाम सूची से हटा रही है। एक वरिष्ठ टीएमसी नेता के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘आज भी, नए एनआरसी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। भाजपा यह परख रही है कि वे कितना आगे बढ़ सकते हैं। अगर वे जीत गए, तो वे सभी को बांग्लादेशी कह देंगे।’

असम सीएम सरमा पर भी साधा निशाना

बैठक के दौरान टीएमसी नेता बनर्जी ने दिल्ली पुलिस के एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें कथित तौर पर बंगाली नागरिकों को बांग्लादेशी बताया गया था। बनर्जी ने कहा, ‘बंगाल के भाजपा सांसद और विधायक इस अपमान पर चुप क्यों हैं?’ बनर्जी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर उनके पिछले बयानों के लिए भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने बंगाली भाषियों को डिटेंशन कैंप में भेजने का सुझाव दिया था। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘ये लोग दुर्गा पूजा का विरोध करते हैं, बंगाली भाषा का अपमान करते हैं और हमें नफरत की नजर से देखते हैं।’

पार्टी विधायकों से अपनी पहुंच बढ़ाने की अपील की

टीएमसी सरकार के प्रमुख कार्यक्रम ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ पर, बनर्जी ने कहा कि यह आजादी के बाद अपनी तरह की पहली पहल है और इसे पूरी ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए। दक्षिण 24 परगना के एक पार्टी नेता ने कहा, ‘अभिषेक ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र के लिए आवंटित 10 लाख रुपये स्थानीय जनता की मांगों पर ही खर्च किए जाने चाहिए। पंचायत प्रमुखों, पार्षदों या विधायकों का कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने विधायकों से अपनी पहुंच बढ़ाने की अपील की। उन्होंने विधायकों से कहा, ‘भले ही आप समस्याओं का तुरंत समाधान न कर पाएँ, लेकिन लोग सुनना चाहते हैं। उनकी बात सुनें। यही मायने रखता है।’

ghanty

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