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आठघरिया में बनेगा ईको टूरिज्म हब, झीलों में मछली पालन से युवाओं को मिलेगा रोजगार

कालना (पूर्व बर्दवान)।
पश्चिम बंगाल सरकार की एक सराहनीय पहल के तहत कालना के आठघरिया में वर्षों से उपेक्षित पड़ी लगभग 40 बीघा जमीन अब एक नये रूप में पुनर्जीवित होने जा रही है। इस क्षेत्र में ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट और एक आकर्षक डियर पार्क (हिरण पार्क) विकसित किया जाएगा, जिससे न सिर्फ पर्यावरणीय सौंदर्य को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।

🏞️ जहां हुआ करता था वीरान पार्क, अब बनेगा पर्यटन केंद्र

यह जमीन वाम मोर्चा सरकार के दौरान एक मनोरंजन पार्क के रूप में विकसित की गई थी, लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में यह पार्क वर्षों से बंद पड़ा था। यहां की तीन बड़ी झीलें सूख चुकी थीं और हरियाली भी खत्म हो गई थी। इसके चलते यह क्षेत्र असामाजिक गतिविधियों का गढ़ बनता जा रहा था।

अब इस पूरे इलाके को चांद बिल क्षेत्र (सिमलन पंचायत, आठघरिया) में एक सर्व-सुविधायुक्त ईको टूरिज्म ज़ोन के रूप में तैयार किया जा रहा है।

🐟 झीलों में होगा मछली पालन, मिलेगा स्वरोजगार

परियोजना के अंतर्गत तीनों झीलों में आधुनिक पद्धति से मत्स्य पालन की व्यवस्था की जाएगी। यह योजना खासतौर पर स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार देने के उद्देश्य से बनाई गई है। इससे न केवल युवाओं को आय का साधन मिलेगा, बल्कि टिकाऊ आर्थिक संरचना भी विकसित होगी।

👨‍💼 मंत्री स्वपन देवनाथ ने किया स्थल का निरीक्षण

इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना का आज राज्य के मंत्री व विधायक श्री स्वपन देवनाथ, कालना SDO शुभम अग्रवाल, DFO संचिताशर्मा तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने दौरा कर जायजा लिया।

मंत्री देवनाथ ने मीडिया से कहा—

“राज्य सरकार की मंशा है कि इस 40 बीघा क्षेत्र को एक इंटरनेशनल लेवल ईको टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाए।”

📅 29 जून से शुरू होगा विशेष सफाई अभियान

उन्होंने आगे बताया कि 29 जून से 10 दिनों का विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान ड्रोन कैमरे से क्षेत्र की निगरानी और मैपिंग कर सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा।

🌿 स्थानीय लोगों को मिलेगा नया जीवन और पहचान

यह परियोजना न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से कारगर साबित होगी, बल्कि प्राकृतिक और पारिस्थितिक संरक्षण के लिए भी एक आदर्श मिसाल बनेगी।

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