अंडाल के खास काजोड़ा कोलियरी में भयावह धंसान, घर छोड़ने को मजबूर लोग

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अंडाल |
रविवार तड़के अंडाल के खास काजोड़ा कोलियरी क्षेत्र में अचानक हुए ज़मीन धंसने के मामले से इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने सुबह देखा कि उनके घरों से महज़ 50 से 100 मीटर की दूरी पर एक विशाल गड्ढा बन गया है, जिससे पूरे इलाके में भय का माहौल बन गया।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोगों ने तुरंत ईसीएल (ECL) अधिकारियों को सूचना दी। धंसान के डर से कई परिवारों ने एहतियातन अपने घर खाली करना शुरू कर दिया। इस घटना में सबसे अधिक नुकसान स्थानीय किसानों को हुआ है, क्योंकि धंसान की चपेट में आकर उनकी बड़ी मात्रा में खेती योग्य ज़मीन बर्बाद हो गई

मौके पर पहुंचे कोलियरी मैनेजर

घटना की सूचना मिलते ही खास काजोड़ा कोलियरी के मैनेजर प्रभाकर कुमार पासवान घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया,
“इस इलाके में पहले कई पुरानी खदानें थीं। संभवतः वे खदानें बहुत अधिक गहरी नहीं थीं, इसी कारण आज यह समस्या सामने आई है।”

उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा रही है और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

ECL पर लापरवाही का आरोप

घटनास्थल पर पहुंचे तृणमूल कांग्रेस नेता बिष्णुदेव नोनिया ने ईसीएल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,
“यह पूरी तरह ईसीएल की लापरवाही का नतीजा है कि इस इलाके में बार-बार धंसान की घटनाएं हो रही हैं।”

उन्होंने बताया कि
“हमने कई बार ईसीएल अधिकारियों से रेत और राख (सैंड व ऐश पैकिंग) के ज़रिए स्थायी समाधान करने की मांग की, लेकिन प्रशासन इस मुद्दे पर पूरी तरह उदासीन बना हुआ है।”

गरीबों के भविष्य पर सवाल

नोनिया ने सवाल उठाया कि
“ईसीएल अपने कर्मचारियों के लिए तो बेहतर आवास की व्यवस्था कर रही है, लेकिन जो गरीब लोग 30–40 वर्षों से इस इलाके में रहकर खेती के जरिए अपनी रोज़ी-रोटी चला रहे हैं, उनके भविष्य का क्या होगा?”

बढ़ती चिंता, प्रशासन पर दबाव

लगातार हो रही धंसान की घटनाओं ने एक बार फिर खनन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और पुनर्वास नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि यदि जल्द स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

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