हरिपुर : महिला की मौत पर भड़के परिजनों ने जाम किया हाईवे, निजी अस्पताल पर गलत इलाज का आरोप

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👉 मुआवजे को लेकर हुई बैठक पर नहीं बनी सहमति, अस्पताल में शव रखकर आंदोलन जारी

पांडवेश्वर : पांडवेश्वर थाना क्षेत्र के हरिपुर सीबी क्योर मल्टी सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान संपा रुईदास (20) नामक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने गलत इलाज किए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया। उग्र परिजनों ने अस्पताल के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-60 को जाम कर विरोध जताया और मुआवजे की मांग की।

घटना के संबंध में मृत महिला के देवर कमल और पति अमर रुईदास ने बताया कि संपा करीब 24 दिन पहले घर में आग से जल गई थी। उसको तत्काल बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया गया। वहां 15 दिनों तक इलाज चला, जब वह स्वस्थ होने लगी तो डाक्टर ने छुट्टी दे दिया। उसके बाद संपा को अपने घर भीमगढ़ (बीरभूम) लेकर लौट गए। घर में दो दिन रही, लेकिन घर पर उसकी देखभाल सही से नहीं हो पा रही थी। 20 दिसंबर को संपा को हरिपुर सीबी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अस्पताल प्रबंधन ने 10 हजार रुपए जमा करने को कहा और बाकी का इलाज खर्च राज्य सरकार के स्वास्थ्य साथी कार्ड से भुगतान की बात हुई। उसके बाद 5 हजार रुपए जमा किया गया और बाकी के 5 हजार बाद में देने की बात हुई। लेकिन जब से संपा को दाखिल कराया गया, उसे बेड में रखने के बजाय नीचे रखा जाता था। कोई देखभाल भी नहीं करता था। डॉक्टर ने दो यूनिट रक्त भी मंगायी थी, लेकिन वह रक्त भी नही चढ़ाया। इलाज सही नहीं होने पर उसके शरीर के जले हुए हिस्से में धीरे-धीरे इन्फेक्शन होने लगा। डॉक्टर भी देखने नहीं आता था। आखिरकार शनिवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।

मौत की खबर सुनते ही सभी परिजन हैरान हो गये। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और हाईवे अवरुद्ध कर विरोध जताया। संपा रुईदास की एक डेढ़ वर्ष की बेटी भी है। संपा की मौत के बाद उस बच्ची की परवरिश के लिए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से मुआवजे की मांग की। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाया। लेकिन कोई हल नहीं निकला।

इधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि संपा 75% जली हुई थी। जब अस्पताल लाया गया, तब उसकी हालत उतनी ठीक नहीं थी उसके बाद भी अस्पताल में दाखिल कराया, ताकी इलाज हो सके। इलाज के दौरान उसकी मौत हर्ट अटैक से हो गई। इसमें अस्पताल प्रबंधन या डाक्टर का क्या दोष है?
देर शाम को अस्पताल प्रबंधन और संपा के परिजनों के बीच हुई बैठक में अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए देने की पेशकश की, लेकिन परिजनों ने 25 हजार रुपए लेने से इनकार कर दिया। समाचार लिखे जाने तक शव अस्पताल परिसर में रखकर परिजन अस्पताल के बाहर आंदोलन कर रहे हैं।

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