‘भक्ति की कोई उम्र नहीं’ — दुर्गापुर समागम में सतगुरु माता सुदीक्षा जी का संदेश

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निरंकारी संत समागम में उमड़ा श्रद्धा, शांति और एकता का सैलाब

दुर्गापुर/दिल्ली, 21 दिसंबर 2025:
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में अध्यात्म, सेवा और युवा शक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब परम श्रद्धेय सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन छत्रछाया में भव्य निरंकारी संत समागम का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस दिव्य अवसर पर पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और उत्तर-पूर्वी राज्यों से बड़ी संख्या में संत-महात्मा एवं श्रद्धालु उपस्थित हुए और आध्यात्मिक महासंगम के साक्षी बने।

समागम स्थल पर वातावरण प्रेम, शांति, भाईचारे और एकता की दिव्य अनुभूति से सराबोर नजर आया। सत्संग रूपी अमृत का रसपान कर श्रद्धालुओं ने आत्मिक शांति और आनंद की अनुभूति की।

“ब्रह्मज्ञानी संतों का जीवन सदैव आनंद से भरपूर रहता है”

— सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सतगुरु माता जी ने कहा कि भक्ति की कोई आयु सीमा नहीं होती। जैसे ही किसी को निरंकार प्रभु का सच्चा ज्ञान प्राप्त होता है, उसी क्षण से भक्ति की यात्रा प्रारंभ हो जाती है। उन्होंने कहा कि भक्तों के जीवन में उतार-चढ़ाव अवश्य आते हैं, लेकिन जिनकी चेतना निरंकार से जुड़ी रहती है, वे हर परिस्थिति को प्रभु की दात मानकर सहजता, सरलता और आनंद के साथ स्वीकार करते हैं।

सतगुरु माता जी ने आगे कहा कि ब्रह्मज्ञान की अमूल्य दात पाकर ब्रह्मज्ञानी संत न केवल अपने जीवन को श्रेष्ठ और सार्थक बनाते हैं, बल्कि समाज को भी प्रेम, शांति और आनंद से परिपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।

व्यवस्थाओं ने जीता श्रद्धालुओं का दिल

समागम स्थल पर की गई सभी व्यवस्थाएं अत्यंत सुदृढ़ और अनुकरणीय रहीं।

  • लंगर और प्याऊ
  • चिकित्सा सुविधा
  • पार्किंग एवं सुरक्षा व्यवस्था
  • सेवा दलों की समर्पित भूमिका

इन सभी प्रबंधों ने आगंतुकों को सहजता, सुविधा और संतोष का अनुभव कराया।

युवाओं में आध्यात्मिक चेतना जगाने का प्रयास

निरंकारी यूथ सिम्पोजियम बना आकर्षण का केंद्र

संत समागम से पूर्व 19 और 20 दिसंबर को आयोजित निरंकारी यूथ सिम्पोजियम ने विशेष ध्यान आकर्षित किया। इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं की सकारात्मक ऊर्जा को जागृत कर उन्हें आध्यात्मिकता, सेवा और नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना था।

पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और उत्तर-पूर्वी राज्यों से आए हजारों युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए सांस्कृतिक, रचनात्मक और बौद्धिक गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

‘द सिक्स एलीमेंट्स’ ने दिया जीवन दर्शन का संदेश

सिम्पोजियम के दौरान ‘द सिक्स एलीमेंट्स’
पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश और चेतना पर आधारित स्किट, गीत, प्रस्तुतियां और पैनल डिस्कशन आयोजित किए गए। इनके माध्यम से युवाओं को यह संदेश दिया गया कि आध्यात्मिक मूल्यों को जीवन की व्यवहारिकता में कैसे उतारा जाए।

इसके अलावा लोकनृत्य, शारीरिक व्यायाम, खेल गतिविधियों और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने अनुशासन, ऊर्जा और आध्यात्मिक सौंदर्य का सुंदर समन्वय प्रस्तुत किया।

सेवा, एकता और समर्पण का संदेश

यह सिम्पोजियम मात्र एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी को सेवा, एकता और समर्पण की भावना से जोड़ने का सशक्त माध्यम साबित हुआ। आध्यात्मिक शांति, प्रेम और विश्वबंधुत्व के इस दिव्य आयोजन ने श्रद्धालुओं के हृदय को आत्मिक आनंद से भर दिया।

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