आसनसोल/चंदा:
आसनसोल के चंदा स्थित नॉर्थ प्वाइंट स्कूल में शनिवार को एक भव्य इंटरनेशनल एजुकेशन सेमिनार का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में देश के कई राज्यों—जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल—से अनुभवी शिक्षक और शिक्षा विशेषज्ञ शामिल हुए। पूरे परिसर में उत्साह, सीख और नवाचार का माहौल देखने को मिला।
🔶 NEP 2020 पर व्यापक चर्चा—बदलते दौर में कैसी हो नई शिक्षा?
स्कूल की ओर से जानकारी देते हुए सचिन राय ने बताया कि सेमिनार का मुख्य फोकस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के ढांचे पर रहा।
उन्होंने कहा कि—
- नई शिक्षा नीति बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग,
- स्किल-आधारित लर्निंग,
- और समग्र विकास को सबसे पहले रखती है।
सेमिनार में शिक्षकों ने चर्चा की कि नई पीढ़ी को केवल किताबों तक सीमित न रखकर कैसे तकनीक, व्यावहारिक ज्ञान और जीवन कौशल से जोड़ना आवश्यक है।
🔶 बच्चों को आधुनिक तरीकों से पढ़ाने पर जोर
कार्यक्रम में शिक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि आज के समय में—
- डिजिटल लर्निंग,
- इंटरैक्टिव टीचिंग मेथड,
- माइंड डेवलपमेंट तकनीक
छात्रों के लिए बेहद ज़रूरी बन गए हैं।
यह भी कहा गया कि बच्चों के मानसिक और भावनात्मक संतुलन पर ध्यान देने के लिए शिक्षकों को नई तकनीकें सीखनी होंगी।
🔶 नॉर्थ प्वाइंट स्कूल—केवल पढ़ाई नहीं, हर क्षेत्र में आगे
नॉर्थ प्वाइंट स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि स्कूल हमेशा से शिक्षा के साथ-साथ—
- खेलकूद,
- सांस्कृतिक गतिविधियाँ,
- को-करिकुलर कार्यक्रम,
- और व्यक्तित्व विकास जैसे क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान देता आया है।
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उनका लक्ष्य बच्चों को केवल पढ़ाई में नहीं, बल्कि हर दिशा में सक्षम बनाना है—ताकि वे भविष्य में आत्मविश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें।
🔶 प्रतिभागियों ने सराहा आयोजन
देशभर से आए शिक्षकों ने नॉर्थ प्वाइंट स्कूल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन क्षेत्र के छात्रों और शिक्षकों के लिए बेहद लाभकारी हैं।












