सालानपुर में बीएलओ का हल्ला बोल! 143 कर्मी बीडीओ कार्यालय के सामने उतरे सड़क पर

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सालानपुर/आसनसोल:
सालानपुर ब्लॉक के बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स) शुक्रवार सुबह अचानक ही बीडीओ कार्यालय के सामने एकजुट होकर अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन में उतर आए। लगभग 143 बीएलओ फ्लेक्स बोर्ड और पोस्टर लेकर समष्टि विकास कार्यालय के सामने खड़े हुए और प्रशासन एवं चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।

🔶 “SIR का सारा काम पूरा, फिर भी नए-नए ऐप का दबाव” — बीएलओ

बीएलओ का आरोप है कि उन्होंने SIR से जुड़ा पूरा काम समय पर पूरा कर दिया, लेकिन चुनाव आयोग की ओर से बार-बार नए ऐप के जरिए उसी काम को दोहराने का दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया—

  • पहले उन्हें SIR फॉर्म बांटने और संग्रह करने का निर्देश मिला।
  • उसके बाद सभी फॉर्म को ऑनलाइन अपलोड करने का आदेश दिया गया।
  • अब जिन फॉर्म में त्रुटि पाई गई है, उनका दोबारा घर-घर जाकर सत्यापन, नए डेटा का संग्रह और फिर से सबमिशन करने का निर्देश दिया जा रहा है।

कर्मियों का कहना है कि काम की यह निरंतर बढ़ती श्रृंखला न सिर्फ थकाऊ है बल्कि व्यावहारिक रूप से अल्प समय में संभव भी नहीं है।

🔶 “हम महीनों से मेहनत कर रहे हैं, अब अंतिम समय में बोझ बढ़ाना अनुचित” — बीएलओ

बीएलओ ने स्पष्ट कहा कि वे महीनों से कड़ी मेहनत कर फील्डवर्क कर रहे हैं। लेकिन बार-बार नया ऐप, नया फॉर्मेट और दोबारा सत्यापन जैसे आदेश उनके लिए मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का दबाव पैदा कर रहे हैं।

एक बीएलओ ने कहा—
“हमने हर जिम्मेदारी निभाई है, लेकिन अंतिम समय में अतिरिक्त और दोहराए जाने वाले काम संभव नहीं हैं। सिस्टम की गड़बड़ी का बोझ कर्मचारियों पर क्यों?”

🔶 बीडीओ को बताई समस्याएँ

प्रदर्शन के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने अपनी शिकायतें और मांगें मौखिक रूप से बीडीओ अधिकारी को भी सौंपीं। बीएलओ ने मांग की कि—

  • अनावश्यक ऐप-आधारित दोबारा काम बंद किया जाए
  • वास्तविक त्रुटियों का ही सत्यापन कराया जाए
  • फील्ड स्टाफ पर अतिरिक्त बोझ डालने वाले निर्देशों की समीक्षा की जाए

🔶 पूरे इलाके में चर्चा तेज

सालानपुर ब्लॉक में इतनी बड़ी संख्या में बीएलओ का एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करना अपने आप में दुर्लभ है। इस घटना के बाद प्रशासनिक हलकों और स्थानीय निवासियों के बीच चर्चा तेज हो गई है। कई लोग मानते हैं कि चुनाव कार्यों में बार-बार बदलाव और डिजिटल प्रक्रियाओं की जटिलता, ज़मीनी स्तर के कर्मचारियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।

फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन बीएलओ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं मिला, तो आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है।

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