आसनसोल: वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले औद्योगिक नगरी आसनसोल में सियासी तापमान तेज़ी से चढ़ने लगा है। इसी कड़ी में आज से आसनसोल उत्तर मंडल (2) के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की ‘परिवर्तन पथसभा’ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हो गई।
इस विशेष जनसंपर्क अभियान के तहत आसनसोल के हर मुहल्ले, हर चौराहे और हर बस्ती में 15 दिसंबर तक लगातार पथसभा आयोजित की जाएगी। इसका लक्ष्य जनता से सीधे संवाद स्थापित कर आगामी चुनाव के लिए मजबूत जनाधार तैयार करना है।
📍 पहले दिन मैदाकल इलाके से शुरुआत
इस आंदोलनात्मक कार्यक्रम का पहला आयोजन आज मैदाकल क्षेत्र में किया गया। स्थानीय लोगों की बड़ी भागीदारी के साथ सभा स्थल पर उत्साह और आक्रोश दोनों का माहौल देखने को मिला। भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बदलाव का संकल्प लिया।
🗣️ “राक्षसी तृणमूल को हटाने का संकल्प”
सभा के दौरान मंच से नेताओं ने साफ शब्दों में कहा—
“जनता को आश्वस्त किया जा रहा है कि 2026 में राक्षसी तृणमूल सरकार को हटाकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाई जाएगी।”
नेताओं ने अपने संबोधन में जो प्रमुख मुद्दे उठाए, उनमें शामिल रहे—
- कानून व्यवस्था की बदहाली
- भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
- आम लोगों में असुरक्षा का डर
- युवाओं में गहराता बेरोज़गारी संकट
इन सभी मुद्दों को लेकर जनता को एकजुट होने का आह्वान किया गया।
👥 कौन-कौन रहे मौजूद?
आज की परिवर्तन पथसभा में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे—
✅ मंडल अध्यक्ष सुदीप चौधरी
✅ मदन चौबे
✅ शम्पा रॉय
✅ उपासना उपाध्याय
✅ अभय बरनवाल
✅ कृष्णेंदु मुखर्जी
सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि यह आंदोलन केवल शुरुआत है, आने वाले दिनों में आसनसोल के हर वार्ड में इसे और तेज़ किया जाएगा।
🔥 घर-घर बदलाव का संदेश: भाजपा की बड़ी रणनीति
भाजपा नेतृत्व के अनुसार इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है—
✔️ आम नागरिकों से सीधा संपर्क
✔️ तृणमूल सरकार की विफलताओं को उजागर करना
✔️ 2026 चुनाव के लिए मजबूत संगठन खड़ा करना
सभा में मौजूद स्थानीय लोगों ने सड़क, पानी, बिजली, रोजगार और सुरक्षा से जुड़े अपने मुद्दे भी खुलकर सामने रखे।
🗳️ आसनसोल में 2026 की राजनीतिक पटकथा तैयार
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की यह परिवर्तन पथसभा श्रृंखला आने वाले दिनों में आसनसोल उत्तर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति की दिशा बदल सकती है। चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है, ऐसे में सभी राजनीतिक दलों की गतिविधियाँ और भी तेज़ होंगी।












