👉 बंगाल के 23 जिलों में विकास प्रोजेक्ट्स की देख-रेख की जिम्मेदारी 23 सीनियर ब्यूरोक्रेट्स को सौंपी नवान्न ने
👉 14 अधिकारियों की एक अलग टीम वरीय सचिव से बात कर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे अपनी रिपोर्ट
कोलकाता/आसनसोल : पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम तेजी से चल रहा है। चुनाव से पहले तक प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा इसी काम में व्यस्त रहेगा। फरवरी के बीच में वोटर लिस्ट जारी होने के बाद ही विधानसभा चुनाव का ऐलान होगा। उसके बाद कोई भी नयी योजना-परियोजना शुरू नहीं की जा सकती। अभी राज्य में 95 विकास प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। SIR के दबाव की वजह से इन प्रोजेक्ट में देरी न हो, इसके लिए राज्य सचिवालय नवान्न ने बड़ा कदम उठाया है। सूबे के सभी 23 जिलों में सीनियर ब्यूरोक्रेट्स को विकास प्रोजेक्ट की देखरेख के लिए भेजा जा रहा है।
आम तौर पर ब्यूरोक्रेट्स को उसी जिले में भेजा जा रहा है, जहां वे पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के तौर पर काम कर चुके हैं। वे प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस चेक करने के अलावा यह भी देखेंगे कि काम में कोई गड़बड़ी तो नहीं हो रही है। पिछले साढ़े 14 साल की विकास रिपोर्ट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया था कि चीफ सेक्रेटरी मनोज पंत को ध्यान में रखकर कमेटी बनाई जाएगी। इसी सिलसिले में नवान्न से एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें बताया गया कि कौन से आईएएस अफसर किस जिले में जाएंगे?
कुछ दिन पहले, SIR के संदर्भ में विकास योजनाओं को लेकर राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने अन्य विभागीय सचिवों के साथ-साथ तमाम जिला शासकों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की थी। इस मीटिंग में अचानक से शामिल हुईं सीएम ममता बनर्जी ने निर्देश दिया कि वे SIR को लेकर किसी भी तरह का दबाव बर्दाश्त न करें। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी खास ध्यान देने का निर्देश दिया कि ‘बांग्ला आवास योजना’, ‘पथश्री’, ‘रूपश्री’, ‘अमादेर पाड़ा-अमादेर समाधान’ समेत कई प्रोजेक्ट्स का काम ठीक से हो रहा है या नहीं?
इसके तुरंत बाद, नवान्न की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें कहा गया कि सेक्रेटरी को प्रोजेक्ट्स का काम देखने के लिए जिलेवार जिम्मेदारी दी गई है। 23 ब्यूरोक्रेट 23 जिलों में जाएंगे। चीफ सेक्रेटरी के साइन किए हुए इस निर्देश में बताया गया है कि कौन सा सीनियर IAS ऑफिसर किस जिले में जाएगा। भेजे जा रहे लोगों में ज्यादातर प्रिंसिपल सेक्रेटरी रैंक के हैं। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हर जिले में सीनियर ऑफिसर बांग्ला बाड़ी, पथश्री प्रोजेक्ट्स को लागू करने, अमादेर पाड़ा-अमादेर समाधान के तहत किए जा रहे कामों की निगरानी करने और जनता की शिकायतों को दूर करने का काम करेंगे।
एडमिनिस्ट्रेटिव सर्कल के मुताबिक, राज्य सरकार विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी प्रोजेक्ट्स का काम जल्दी पूरा करना चाहती है। चूंकि समय नहीं है, इसलिए अब विलंब या कोताही को स्वीकार नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों को इनाम देगी जो अपना काम जल्दी और अच्छे से करेंगे।
किन ब्यूरोक्रेट्स को कौन-से जिले की जिम्मेदारी?
यह तय हो गया है कि कौन से ब्यूरोक्रेट्स किन जिलों में जा रहे हैं। पता चला है कि शांतनु बसु कोलकाता नगर निगम, विनोद कुमार पूर्व मेदिनीपुर, मनीष जैन पश्चिम मेदिनीपुर, संजय बंसल पुरुलिया जा रहे हैं। छोटेन डी लामा को झाड़ग्राम, रश्मि कमल को बांकुड़ा, कौशिक भट्टाचार्य को अलीपुरद्वार और दुष्मंता नारियाल को जलपाईगुड़ी भेजा जा रहा है। मौमिता गोदारा बसु को दार्जिलिंग, राजेश कुमार सिन्हा को कूचबिहार, सौमित्र मोहन को कलिम्पोंग, सुभंजन दास को नॉर्थ दिनाजपुर, पी उलगनाथन को मालदा भेजा जा रहा है। सुरेंद्र गुप्ता को दक्षिण दिनाजपुर, पीबी सलीम को मुर्शिदाबाद, नारायण स्वरूप निगम को दक्षिण 24 परगना, अंतरा आचार्य को हावड़ा, राजेश पांडे को नदिया, परवेज अहमद सिद्दीकी को नॉर्थ 24 परगना भेजा गया है। ओंकार सिंह मीणा को हुगली, शरद कुमार द्विवेदी को बीरभूम, वंदना यादव को पूर्व बर्दवान और बरुण कुमार रॉय को पश्चिम बर्दवान की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावे 14 और अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है, जो सीनियर सेक्रेटरी से बात करके मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेगी।












