स्कूल गेट पर ट्रैफिक पुलिस की सख्ती: बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ा जागरूकता अभियान

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आसनसोल।
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आसनसोल–दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से गुरुवार को शहर के विभिन्न स्कूलों के सामने विशेष ट्रैफिक अवेयरनेस कैंप आयोजित किए गए। यह अभियान खासतौर पर उन वाहनों को लेकर था जो रोजाना सैकड़ों बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने का काम करते हैं।

यह जागरूकता शिविर आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई प्रमुख स्कूलों के बाहर लगाए गए, जहां ट्रैफिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, ट्रैफिक गार्ड और स्थानीय पुलिस बल सक्रिय रूप से मौजूद रहे।

किन बिंदुओं पर हुई कड़ी जांच?

अभियान के दौरान पुलिस की नजर खास तौर पर इन अहम पहलुओं पर रही—

  • स्कूल वैन और निजी वाहनों की फिटनेस जांच
  • ड्राइविंग लाइसेंस और जरूरी कागजात की वैधता
  • तय क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाने की स्थिति
  • वाहन में आपातकालीन सुरक्षा इंतजाम
  • ड्राइवर की आयु, अनुभव और व्यवहार

कई वाहनों में ओवरलोडिंग और सुरक्षा मानकों की अनदेखी भी सामने आई, जिस पर पुलिस ने तुरंत चेतावनी दी।

🚨 हाल की दुर्घटनाओं के बाद बढ़ी सख्ती

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हाल के महीनों में पश्चिम बंगाल के कई इलाकों, including आसनसोल, में स्कूल वाहनों से जुड़ी गंभीर दुर्घटनाएं सामने आई थीं। इन्हीं घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह विशेष अवेयरनेस ड्राइव शुरू की गई है, ताकि भविष्य में कोई मासूम हादसे का शिकार न हो।

एक वरिष्ठ ट्रैफिक अधिकारी ने कहा—
“अभी हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं, नियमों की जानकारी दी जा रही है। लेकिन आने वाले दिनों में नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।”

🛑 लापरवाही पर अब सीधी कार्रवाई की चेतावनी

अवेयरनेस कैंप के दौरान कई वाहन चालकों को हेलमेट, सीट बेल्ट, स्पीड लिमिट, ओवरलोडिंग न करने और निर्धारित मार्ग से चलने जैसी जरूरी हिदायतें दी गईं। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि
भविष्य में किसी भी तरह की लापरवाही पर सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

👨‍👩‍👧‍👦 माता-पिता और स्कूल प्रबंधन ने भी जताया समर्थन

इस पहल को लेकर अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन ने भी संतोष जताया। उनका कहना है कि अगर ऐसी जांच नियमित रूप से होती रहे, तो बच्चों की सुरक्षा को लेकर भरोसा और मजबूत होगा।

🔍 अब सबकी नजर अगली कार्रवाई पर

हालांकि यह अभियान फिलहाल जागरूकता के रूप में चलाया गया है, लेकिन पुलिस के तेवर देखकर साफ है कि आने वाले दिनों में स्कूल वाहन संचालन को लेकर बड़ा एक्शन मोड देखने को मिल सकता है।

अब सबकी नजर इस बात पर है कि यह अवेयरनेस ड्राइव वास्तविक अनुशासन और दुर्घटनाओं में कमी ला पाती है या नहीं।

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