बालू तस्करी: बंगाल में फिर ED का एक्शन, कोलकाता, झाड़ग्राम और मुर्शिदाबाद में रेड

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👉 राज्य के 8 ठिकानों पर केंद्रीय जांच एजेंसी का सर्च ऑपरेशन जारी, केंद्रीय बल के जवानों ने संभाला मोर्चा

कोलकाता : बालू (रेत) तस्करी मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम फिर एक बार एक्शन मोड में है। सोमवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता, झाड़ग्राम और मुर्शिदाबाद सहित कई जिलों में एक साथ 8 ठिकानों में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाई जा रही है। खत्म होते साल के आखिरी माह के पहले ही दिन हुई इस कार्रवाई से बालू कारोबारियों में हड़कंप है। सर्च ऑपरेशन में ईडी के 40-50 अफसरों की अलग-अलग टीमें शामिल हैं। सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में केंद्रीय बल के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है। सूत्रों के मुताबिक, ED की अलग-अलग टीमें आठ जिलों में अलग-अलग बिजनेसमैन के घरों पर गई हैं। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है। यह छापेमारी गैर-कानूनी रेत के धंधे में फाइनेंशियल भ्रष्टाचार के आरोपों पर की गई।

बंगाल-झारखंड बॉर्डर में एक्टिव कोल सिंडिकेट पर शिकंजा

बता दें कि हाल ही में ईडी ने बंगाल-झारखंड बॉर्डर में एक्टिव कोल सिंडिकेट के खिलाफ बड़े पैमाने पर समन्वित कार्रवाई की थी। इसमें बंगाल और झारखंड के दो दर्जन से अधिक कोयला-बालू माफियाओं के 44 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाकर 14 करोड़ से अधिक की नकदी, सोने के जेवरात और दस्तावेज आदि बरामद हुए थे। इस अभियान में बंगाल-झारखंड में सक्रिय केके-एलबी नेक्सस का खुलासा हुआ था। कार्रवाई केवल कोल माफियाओं तक सीमित नहीं थी, बल्कि बालू तस्करों तक भी पहुंची थी।

अक्टूबर में राज्यभर में 22 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी

इससे पहले, अक्टूबर के आखिर में ED ने रेत तस्करी मामले में कोलकाता, झारग्राम के लालगढ़, गोपीबल्लवपुर और पश्चिम बर्दवान के आसनसोल में सर्च ऑपरेशन चलाया था। उस समय 22 जगहों पर रेड डाली गई थी। ED सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान बहुत सारे डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल सबूत भी इकट्ठा किए थे। रेत की तस्करी के सबूत के तौर पर नकली इनवॉइस (फर्जी चालान) भी मिले थे।

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नवंबर में बड़े बालू कारोबारी अरुण सराफ की हुई गिरफ्तारी

इसके बाद, नवंबर की शुरुआत में रेत तस्करी मामले में बालू कारोबारी अरुण सराफ को गिरफ्तार किया गया था। ED सूत्रों ने बताया कि उस पर 78 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है। उससे पहले, सितंबर में अरुण के साल्टलेक ऑफिस की भी तलाशी ली गई थी। उसके बाद, सात घंटे की पूछताछ के बाद उसे हावड़ा के बाली से गिरफ्तार कर लिया गया था।

पुख्ता सबूतों के आधार पर आगे बढ़ी कार्रवाई, नपेंगे कई बड़े चेहरे

दावा है कि अरुण की गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम को कई ठोस साक्ष्य मिले हैं। साथ ही पूछताछ में भी उसने कई गहरे राज से पर्दा उठा दिया है। इसके बाद ही बंगाल-झारखंड बॉर्डर पर एक्टिव सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई की गई। उस दौरान बालू तस्करों के ठिकानों से कई डिजिटल डिवाइस मिले थे। डिवाइसों को डिकोड करने के बाद से ईडी को और भी कुछ इनपुट मिले, जिसके बाद यह ताजा कार्रवाई जारी है। ईडी सूत्रों ने बताया कि कोयला और बालू तस्करों की जड़ें काफी गहरी है। दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए भी हैं। कई साक्ष्य हैरतअंगेज करने वाले हैं। इसके पर्दाफाश होने से कई सफेदपोश जब्त होंगे। इस दिशा में कार्रवाई से पहले सबूतों को और भी पुख्ता किया जा रहा है।

सौरव, अली के बाद अब रडार पर बालू कारोबारी अभिषेक पात्रा उर्फ ​​बिल्टू

ED ने झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लभपुर के अथांगी गांव निवासी बालू कारोबारी अभिषेक पात्रा उर्फ ​​बिल्टू के घर पर भी रेड डाली है। उस पर नकली इनवॉइस का इस्तेमाल करके रेत निकालने और बेचने का आरोप है। उसके खिलाफ बहुत पहले पश्चिम मेदिनीपुर के केशियाड़ी थाना में गैर-कानूनी तरीके से रेत निकालने और बेचने की शिकायत दर्ज हुई थी। उसी शिकायत के आधार पर ED ने सोमवार को उसके घर की तलाशी ली। फिलहाल, उसके पिता कैंसर से पीड़ित हैं और कोलकाता के एक हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है।

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अभिषेक भी उसी सिलसिले में फिलहाल कोलकाता में है। इसलिए, ED के अधिकारी उसके घर गए और तलाशी ली, लेकिन अभिषेक से सीधे बात नहीं हो पाई। ED अधिकारियों का मानना है कि अभिषेक के घर की तलाशी से रेत तस्करी से जुड़े कई लिंक मिलने की उम्मीद है। और, इसकी जांच के बाद तस्करी के गिरोह के बारे में और भी कई जानकारी मिलेगी। बता दें कि झाड़ग्राम के बड़े रेत कारोबारी सौरव राय और अली के खिलाफ ईडी पहले ही छापेमारी कर चुकी है।

कहां-कहां हुई छापेमारी?

🔹कोलकाता में पार्क स्ट्रीट, न्यू अलीपुर और एमहर्स्ट स्ट्रीट इलाकों में
🔹झाड़ग्राम के गोपीबल्लभपुर के अथांगी गांव में
🔹मुर्शिदाबाद में भी रेड

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