दामोदर नदी घाट पर हंगामा! महिलाओं ने झाड़ू उठाकर बालू माफियाओं के खिलाफ बिगुल फूंका

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कुलटी/आसनसोल:
कुलटी थाना क्षेत्र के सकतोड़िया फाड़ी अंतर्गत भालाडीह और मनकेश्वर दामोदर नदी घाट पर अवैध बालू उठाव को लेकर शनिवार को माहौल गरम हो गया। स्थानीय लोगों का धैर्य तब टूट गया जब आरोपित परिमल मंडल द्वारा बालू की लगातार तस्करी और ग्रामीणों को धमकाने की खबरें सामने आईं। इसके विरोध में महिलाएं सड़क पर उतर आईं—हाथों में झाड़ू लेकर, नारे लगाते हुए, बालू माफियाओं के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया।

🔹 “घाट बर्बाद, नदी बर्बाद… अब हमारी ज़िंदगी भी खतरे में!”—महिलाओं का आरोप

वार्ड संख्या 99 के झुनट ग्राम, भालाडीह शलोनी, बिनोद बांध और पलाशडांगा के निवासियों का कहना है कि अवैध बालू उठाव ने उनकी रोजमर्रा की जिंदगी तहस–नहस कर दी है—

✔ नदी का प्राकृतिक बहाव बदल गया,
✔ नहाना और धोबीघाट का काम बंद पड़ गया,
✔ धार्मिक अनुष्ठान कराना भी मुश्किल हो गया,
✔ कई घाट गहरे गड्ढों में बदल चुके हैं, ग्रामीणों के गिरने का खतरा बढ़ गया है।

महिलाओं ने कहा कि “अगर अभी कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले समय में नदी किनारों पर बस्ती बसाना भी मुश्किल हो जाएगा।”

🔹 परिमल पर फोन कर धमकाने का आरोप—“गोली मार दूँगा… गाँव खाली करवा दूँगा”

ग्रामीणों ने दावा किया कि अवैध बालू माफिया परिमल मंडल कई लोगों को फोन कर धमका रहा है—

  • विरोध किया तो झूठे केस में फंसा देगा
  • गोली मारने की धमकी
  • पूरा गाँव खाली करवाकर दम तोड़ने की चेतावनी

ग्रामीणों का कहना है कि परिमल खुलेआम शेखी बघारता है—
“तुम लोग जानते नहीं कि मेरी पहुंच कहाँ तक है!”

🔹 प्रतिदिन 200–300 ट्रक अवैध बालू की तस्करी!—अमर प्रसाद का बड़ा आरोप

मामला बढ़ने पर कुलटी मंडल-3 के अध्यक्ष अमर प्रसाद ग्रामीणों के समर्थन में मौके पर पहुंचे।
उन्होंने कहा—

  • “परिमल मंडल चाहे जितना बड़ा बालू माफिया हो, पर ग्रामीणों को धमकाने का कोई हक नहीं।”
  • “हर दिन 200–300 ट्रकों में अवैध बालू भेजा जा रहा है। यह अपने आप में बहुत बड़ा रैकेट है।”
  • “सरकार और प्रशासन को बताना होगा कि आखिर किसके संरक्षण में ये कारोबार चल रहा है!”

🔹 प्रशासनिक कार्रवाई की मांग—‘अब या कभी नहीं!’

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि—

  • दामोदर नदी घाट को तुरंत अवैध माफियाओं से मुक्त किया जाए,
  • परिमल मंडल की गतिविधियों की CBI/ED स्तर पर जांच हो,
  • इलाके में स्थायी पुलिस पिकेट बनाई जाए,
  • ट्रकों का रात में प्रवेश पूरी तरह रोका जाए।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने कदम नहीं उठाया तो वे नदी घाट जाम, रैली, और बड़े पैमाने पर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

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