👉 कोयला-बालू तस्कर से लेकर सिंडिकेट के बॉस-मेंबर्स- सभी आए ED के रडार पर
कोलकाता/आसनसोल (प्रेम शंकर चौबे) : पश्चिम बंगाल से लेकर झारखंड तक कोयला माफियाओं (बड़ी मछली) के 42 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमों द्वारा एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी पिछले 10 घंटे से जारी है। यह कार्रवाई अभी लंबी चलने की बात सामने आ रही है। अवैध कोयला खनन, अवैध परिवहन और कोयले के भंडारण से जुड़े मामले में बंगाल के आसनसोल-दुर्गापुर शिल्पांचल सहित पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता जिलों में कुल 24 ठिकानों पर तलाशी ले रही है। इस दौरान भारी मात्रा में नकदी और सोना बरामद हुआ है। जांच आग चलने के दौरान बरामदगियों में और इजाफा होने के कयास लगाए जा रहे हैं। बरामद नोटों की गिनती के लिए मशीनें मंगाई गई हैं। वहीं झारखंड में 18 जगह पर छापेमारी हो रही है। रांची से लेकर धनबाद तक कोयला माफिया के ठिकानों पर ईडी की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। सुरक्षा के लिहाज से बड़े पैमाने पर केंद्रीय बल के जवान तैनात हैं।
रेड के दौरान कवर किए गए परिसरों में आवासीय संपत्तियां, कार्यालय, कोक प्लांट और अवैध टोल संग्रह बूथ/चेक पोस्ट शामिल हैं। 100 से अधिक ED अधिकारी इस ऑपरेशन में शामिल हैं, जो सुबह 6 बजे शुरू हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, यह सामूहिक रूप से हजारों करोड़ रुपये के सरकारी राजस्व के नुकसान से जुड़े मामले हैं। यह कार्रवाई झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला माफियाओं के खिलाफ एक समन्वित और व्यापक अभियान है।

ईडी की यह कार्रवाई इनकम टैक्स विभाग के आउटपुट के आधार पर मानी जा रही है। इसके साथ ही बालू तस्करी में गिरफ्तार सैंडकिंग अरुण सर्राफ ने भी कई राज उगले हैं। छापेमारी में कोयला माफियाओं के साथ ही बालू तस्करों के भी ठिकाने शामिल हैं। यह ऑपरेशन पूर्वी भारत में सक्रिय कोयला माफियाओं के खिलाफ हाल के वर्षों में ईडी की सबसे बड़ी समन्वित कार्रवाई मानी जा रही है। एजेंसी का कहना है कि तलाशी में मिले दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्यों की जांच के बाद आने वाले दिनों में कई अहम खुलासे संभव हैं। ईडी की इस संयुक्त कार्रवाई को कोयला माफिया नेटवर्क पर बड़ी चोट माना जा रहा है।
✔️पश्चिम बंगाल में एक साथ 24 ठिकानों पर रेड जारी
ईडी की टीमों ने शुक्रवार तड़के सुबह बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित इससे सटे हावड़ा, पुरुलिया और पश्चिम बर्दवान जिलों में कोयला माफियाओं के कुल 24 ठिकानों में एक साथ कार्रवाई शुरू की गई। सबसे ज्यादा ठिकाने शिल्पांचल में शामिल हैं। यहां दुर्गापुर के 9 जगहों के अलावे रानीगंज, पांडवेश्वर और चौरंगी स्थित डीबूडीह चेकपोस्ट शामिल है। जांच के जद में मास्टरमाइंड कृष्ण मुरारी कयाल उर्फ बिल्लू, नारायण नंदा उर्फ नरेंद्र खरका, युधिष्ठिर घोष, सुंदर भालोटिया, चिन्मय मंडल, परवेज सिद्दीकी, लोकेश सिंह और राजकिशोर यादव शामिल हैं।
🔹नारायण नंदा उर्फ नरेंद्र खरका : कोयला किंग के रूप में मशहूर नारायण खड़का शिल्पांचल ही नहीं पूरे बंगाल के साथ ही झारखंड और यूपी में मजबूत पकड़ रखते हैं। करीब 4-5 दशक से कोयला कारोबार से जुड़े हुए हैं। ऐसा कोई सिंडिकेट नहीं है, जिसमें इनकी भागीदारी नहीं है। कोयले के साथ ही बालू के कारोबार में भी इनकी भूमिका सामने आई है। दुर्गापुर के विधाननगर में सालारपुरिया आवासन स्थित LIG–12A और LIG–12B—इन दो आवासों में एक साथ तलाशी ली गई। दोनों आवासों में नारायण रहते थे, लेकिन छापेमारी के दौरान वे घर पर मौजूद नहीं थे। घर का दरवाज़ा अंदर से बंद होने के कारण ईडी की टीम ने उसे तोड़कर प्रवेश किया।

🔹कृष्ण मुरारी कयाल उर्फ बिल्लू : बीते दो दशक में कोयला कारोबार में मजबूत पैठ बनाने वाले बिल्लू को वर्तमान सिंडिकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। रानीगंज के तारबांग्ला के मूल निवासी बिल्लू के कोलकाता और सॉल्टलेक स्थित ठिकानों पर रेड चल रही है। पूरे एक्शन के केंद्र में कयाल का कारोबार ही है। इनके शागिर्दों के ठिकानों पर भी रेड चल रही है। दावा है कि कयाल को दो दिग्गज आला अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है। इनमें एक झारखंड और एक बंगाल के हैं। इनके बदौलत ही ये अपना अकूत साम्राज्य कायम किए हुए हैं।
🔹सुंदर भालोटिया : बीते 25-30 वर्षों से बड़े कोयला कारोबारी के तौर पर शुमार सुंदर भालोटिया रानीगंज के दिग्गज व्यापारिक परिवार से आते हैं। पूरा नाम श्याम सुंदर भालोटिया है। इनका अकूत ट्रांसपोर्ट व्यवसाय है। एक जमाने में चिन्मय मंडल के साथ इनकी पार्टनरशीप की कोयला कारोबार में तूती बोलती थी। अंडाल जाने के दौरान चकरमबाटी के पास हाईवे किनारे इनके छोटे से दफ्तर से ही बड़ा साम्राज्य संचालित होता था। गोल्ड के व्यवसाय से भी जुड़े हुए हैं। दिल्ली, धनबाद के अलावे दुर्गापुर में शोरूम है। अस्पताल-नर्सिंग होम व्यवसाय से भी जुड़े हैं। पिछले कुछ वर्षों से निष्क्रिय थे। लेकिन गत 6 माह से बिल्लू कयाल के साथ जुड़ गए थे। रानीगंज के अंजना सिनेमा हॉल के विपरीत स्थित सदानंद चक्रवर्ती लेन में इनका आलीशान आवास व दफ्तर है, जहां ईडी की रेड सुबह से ही चल रही है।
🔹लोकेश सिंह : वर्तमान समय में शिल्पांचल में एक्टिव कोयला-बालू तस्करी सिंडिकेट के कर्ता-धर्ता माने जाते हैं। पूरा सिंडिकेट इन्हीं के नेतृत्व में ऑपरेट किया जा रहा था। कयाल का आशीर्वाद प्राप्त है। ED ने दुर्गापुर के सिटी सेंटर में मधुसूदन पथ पर एक ऑफिस पर छापा मारा है। दावा है कि यह ऑफिस कोयला व्यापारी लोकेश सिंह का है। इस ऑफिस को हथियारबंद सेंट्रल फोर्स ने घेर लिया है। लोकेश फरार बताया जा रहा है। इनके शागिर्द अंडरग्राउंड हो चुके हैं। अन्य पार्टनर पप्पू सिंह और शशि यादव भी फरार बताए जा रहे हैं। कुल्टी क डीबूडीह चेकपोस्ट (चौरंगी) के पास स्थित सिंडिकेट के दफ्तर पर भी रेड जारी है। यह कार्यालय सिंडिकेट का चेकनाका प्वाइंट है, जहां से रंगदारी वसूली जाती थी। दूसरे राज्यों से आने वाले सभी वाहनों से वसूली के साथ ही कोयला-बालू के गाड़ियों के साथ पैड कारोबार यहीं से संचालित होता है।

🔹चिन्मय मंडल : कोयल कारोबार के दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल चिन्मय का मूल आवास बक्तारनगर गांव (रानीगंज) में है। पूर्व कोयला कारोबारी जयदेव खां के रिश्तेदार हैं। सुंदर भालोटिया के साथ पार्टनरशीप में लंबे समय से कोयला कारोबार और परिवहन से जुड़े हुए हैं। चकरमबाटी दफ्तर से व्यवसाय ऑपरेट करते हैं। ED ने कोयले से जुड़े मामलों को लेकर दुर्गापुर के बिधान नगर के सेक्टर 2A में चिन्मय मंडल के एक अन्य ऑफिस पर छापा मारा है। फिलहाल इसी दफ्तर से चिन्मय अपना कारोबार चला रहा था।
🔹युधिष्ठिर घोष : लाइमलाइट से दूर, लेकिन कोयला-बालू का दिग्गज खिलाड़ी युधिष्ठिर होड़ प्रवृत्ति का है। गत 15 वर्षों से वह इस गोरखधंधे से जुड़ा है। पहले छोटे स्तर पर कोयला कारोबार करता था। फिर पांडेश्वर के एक पूर्व विधायक की मेहरबानी से अपना अकूत साम्राज्य खड़ा कर लिया। पांडेश्वर के खोट्टाडीह स्थित दान्नो गांव में युधिष्ठिर के आवास व दफ्तर पर ईडी की रेड जारी है। दस वर्ष पूर्व कोयला तस्करी से जुड़े एक मामले में युधिष्ठिर को सजा भी हुई थी। अब पिछले कुछ समय से वह बालू कारोबार से जुड़ गया था। अजय नदी के कई घाटों पर उसका एकछत्र राज कायम है।
🔹परवेज सिद्दीकी/राजकिशोर यादव: दुर्गापुर का मूल निवासी परवेज बालू कारोबार का दिग्गज खिलाड़ी बताया जाता है। फर्जी चालान के आधार पर बालू तस्करी में उसे महारथ हासिल है। ऐसे ही एक मामले में उसे सजा भी हो चुकी है। लंबे समय तक वह जेल में था। फिर बाहर निकलकर अपने कारोबार में रम गया। परवेज ने हावड़ा के सांतरागाछी स्टेशन के पहले कंट्री क्लब के सामने भव्य मकान व दफ्तर बनवाया है, जहां ईडी की रेड चल रही है। वैसे परवेज को नारायण खरका का ही हैंड्स माना जाता है। इसके अलावे दुर्गापुर के विधाननगर स्थित सालारपुरिया आवासन में सुशांत गोस्वामी के आवास में भी रेड चल रही है। सुशांत भी नारायण का ही कर्मचारी बताया जाता है। वहीं, राज किशोर यादव के दुर्गापुर स्थित आवास पर भी ईडी की रेड जारी है। राज किशोर की पहचान भी नारायण के करीबियों में होती है।

✔️झारखंड के 18 ठिकानों पर एक साथ ईडी रेड जारी
झारखंड में रांची से लेकर धनबाद तक 18 ठिकानों पर एक साथ ईडी की छापेमारी चल रही है। अधिकांश ठिकाने धनबाद में हैं। यह कार्रवाई मुख्य रूप से कोयला-बालू के बड़े कारोबारी लालबाबू सिंह उर्फ एलबी सिंह के ठिकानों पर जारी है। इसके अलावे कुंभनाथ सिंह, अनिल गोयल, संजय उद्योग समूह, दीपक पोद्दार, हेमंत गुप्ता, संजय खेमका, अमर मंडल, बिनोद महतो और सन्नी केशरी के ठिकानों पर चल रही है। धनबाद के सरायढेला स्थित देवविला, धनबाद के बैंक मोड़ स्थित शांति भवन, निरसा के टालडांगा तथा भूली क्षेत्र में विभिन्न ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है।
🔹लालबाबू सिंह उर्फ एलबी सिंह और कुंभनाथ सिंह : यूपी के बलिया के एक छोटे से गांव से निकलकर आए लालबाबू उस समय चर्चा में आए, जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकी बैंक ऑफ इंडिया के विभिन्न एकाउंट से 100 करोड़ से अधिक की राशि बरामद की। मामला बीसीसीएल में कोयला घोटाला से जुड़ा था। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की। सीबीआई की टीम जब इनके आवास पहुंची तो इनपर आरोप है कि इन्होंने अधिकारियों पर फायरिंग करवा दिया था। शुक्रवार को भी जब ईडी अधिकारी इनके दफ्तर पहुंचे तो इन्होंने अपने पालतू कुत्तो को अफसरों के पीछे छोड़ दिया था। लालबाबू पर फिलहाल 900 करोड़ के कोयला घोटाले का आरोप है। आरोप है कि ईसीएल से सेवानिवृत्त हो चुके एक सीएमडी को इन्होंने अपने पाले में शामिल कर टेंडर प्रक्रिया के बाहर जाकर कोयला घोटाले को बड़े साफगोई से अंजाम दिया। कोलियरियों से उत्पादित कोयले की अवैध ढुलाई की। कोल डिपो में अनलोड ना कर बाहर के राज्यों व प्लांटों में खपा दिया। लालबाबू अपने भाई कुंभनाथ सिंह के साथ मिलकर कोल आउटसोर्सिंग कंपनी संचालित करते हैं।

🔹अनिल गोयल : कोयले के अवैध कारोबार में अनिल गोयल और उनके सिंडिकेट की भूमिका पाई गई है। धनबाद के क्राउन प्लाज़ा, पुराना बाजार में अनिल गोयल के करीबी के घर छापा मारा गया है। दीपक पोद्दार के आवास पर भी छापेमारी की गई है।
🔹अमर मंडल : ईडी की जांच में अमर मंडल की भूमिका कोयले के अलावा पत्थर और बालू में अवैध उगाही और राजनीतिक संरक्षण से जुड़े नेटवर्क में पाई गई है।

🔹हेमंत गुप्ता और संजय खेमका : धनबाद के बैंक मोड़ स्थित शांति भवन में हेमंत गुप्ता के आवास और संजय खेमका के धनसार स्थित कार्यालय पर भी कार्रवाई जारी है।
🔹बिनोद महतो और सन्नी केशरी : निरसा के टालडांगा में बिनोद महतो के ठिकाने और भूली में सन्नी केशरी के घर पर भी छापेमारी चल रही है।













