👉 फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से संचालित हो रहा था आतंकियों का ग्रुप
👉 दो साल से विस्फोटक जमा कर रही थी लेडी टेररिस्ट डॉ. शाहीन शाहिद
नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासा ये हुआ है कि कार चालक संदिग्ध आतंकी डॉ. उमर नबी 6 दिसंबर यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर एक बड़े हमले की योजना बना रहा था। उसका मकसद दिल्ली को दहला कर सख्त संदेश देना था। दिल्ली धमाका करने वाले आतंकियों का ग्रुप फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से संचालित हो रहा था। सूत्रों के मुताबिक धमाकों की साजिश जनवरी से की जा रही थी। फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद ने पूछताछ में एजेंसियों को बताया कि वह पिछले दो साल से विस्फोटक जमा कर रही थी।
जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से संबंध
शाहीन और उसके साथियों को मिलाकर एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल बनाया गया था। यानी इसमें पेशेवर लोगों को शामिल किया गया था। इसमें शामिल आतंकी जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद नाम के संगठनों जुड़े थे। सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद में पकड़े गए 8 संदिग्धों से पूछताछ के दौरान ये खुलासा हुआ है। ये लोग एक ऐसे सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा थे, जिसके तार कश्मीर, हरियाणा और यूपी तक फैले थे। इसका संबंध पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से बताया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद साजिश सामने आई है।
डॉ. मुज़म्मिल गनई की गिरफ्तारी से हुआ भंडाफोड़
फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पढ़ाने वाले डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब की गिरफ्तारी के साथ ही उमर नबी की साजिश का खुलासा हो गया। डॉक्टर गनई के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था। जैसे ही उमर को फरीदाबाद में इस बरामदगी की सूचना मिली, वो घबरा गया। समय से पहले विस्फोट करा दिया गया।
तुर्किये में जैश संग मीटिंग के बाद आतंक की तरफ झुकाव
जांच में सामने आया है कि उमर नबी का शैक्षणिक रिकॉर्ड बेहद अच्छा था, लेकिन वो अकेलेपन और एक धार्मिक यात्रा के बाद पूरी तरह बदल गया। साल 2021 में वो डॉ. गनई के साथ तुर्किये गया था। इसी यात्रा के दौरान दोनों की मुलाकात जैश-ए-मोहम्मद के कुछ सदस्यों से हुई थी। वापस लौटने के बाद उसका रुझान कट्टरपंथ की तरफ बढ़ गया और उसने आतंक का रास्ता चुन लिया। यह मॉड्यूल अब तक के सबसे हाई-टेक आतंकी नेटवर्क्स में से एक माना जा रहा है, जिसमें उच्च शिक्षित युवाओं की संलिप्तता सामने आई है।
आतंकियों की दूसरी कार (लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट) फरीदाबाद में मिली
इधर पुलिस ने आशंका जताई थी कि दिल्ली धमाके में शामिल आतंकियों के पास एक नहीं, बल्कि दो कारें थीं। लाल रंग की इस फोर्ड इकोस्पोर्ट कार का नंबर DL10-CK-0458 है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को इसकी तलाश के लिए दिल्ली के साथ पड़ोसी राज्यों यूपी और हरियाणा में अलर्ट जारी किया गया था।

अलर्ट जारी होने के बाद बुधवार शाम को ही कार को हरियाणा के खंदावली गांव के पास से बरामद किया गया है। यह कार डॉ. उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस मौके पर पहुंची, बाद में FSL टीम भी गांव पहुंची है। अब कार से सबूत जुटाए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर से एक और डॉक्टर हिरासत में
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में एक और डॉक्टर को हिरासत में लिया है। डॉक्टर की पहचान डॉ. जहूर अहमद नाइकू के रूप में हुई है।
मॉड्यूल की सबसे अहम कड़ी डॉ. शाहीन
इस नेटवर्क की सबसे अहम सदस्य डॉ. शाहीन है। वह जैश सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के सीधे संपर्क में थी और महिला आतंकी विंग ‘जमात उल मोमिनात’ से जुड़ी थी। यह विंग सादिया ने अपने पति यूसुफ अहमद की मौत के बाद बनाई थी। शाहीन को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार किया गया और श्रीनगर ले जाया गया।

शाहीन ने इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और कानपुर मेडिकल कॉलेज में 7 साल असिस्टेंट प्रोफेसर रही। 2021 में वह नौकरी छोड़कर गायब हो गई थी। वह डॉ. मुजम्मिल के संपर्क में आई, फिर पाकिस्तान के हैंडलर के निर्देश पर महिलाओं को कट्टरपंथ की राह पर लाने लगी। अब UP ATS ने उसके भाई डॉ. परवेज को लखनऊ से गिरफ्तार किया है, जो इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर था।
4 अक्टूबर को एक्टिव हुआ था मॉड्यूल
जांच में पता चला कि यह मॉड्यूल 4 अक्टूबर को एक्टिव हुआ था, जब सहारनपुर में डॉ. आदिल की शादी डॉ. रुकैया से हुई थी। शादी में कुछ ‘खास मेहमान’ शामिल थे, जिनकी पहचान एजेंसियां कर रही हैं।
शादी के अगले दिन इस मॉड्यूल ने काम शुरू किया। इसका मकसद फौजियों को धमकाने वाले पोस्टर लगाना, हथियारों की सप्लाई और पैसों का इंतजाम करना था। डॉ. आदिल लॉजिस्टिक और फाइनेंशियल चैनल संभालता था। नेटवर्क का प्लान था कि मेडिकल प्रोफेशन की आड़ में फंडिंग और ट्रांसपोर्टेशन चैनल बनाए जाएं।












