कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टियों, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी माकपा, ने अपने-अपने बूथ-लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त कर दिए हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने मंगलवार शाम 5 बजे तक 24,858 बीएलए की नियुक्ति की, जबकि माकपा ने 18,706 बूथ-लेवल एजेंट घोषित किए हैं। दोनों पार्टियां बीएलए की नियुक्तियों में कांग्रेस और सत्तारूढ़ टीएमसी से आगे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस ने सिर्फ 13,526 नियुक्त किए, जबकि कांग्रेस केवल 5,797 बीएलए नियुक्त करके चौथे स्थान पर है।
इधर, पूरे प्रदेश में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले दिन राज्य भर में कुल 18 लाख फॉर्म बांटे जा चुके हैं। पहले दिन शांतिपूर्ण रूप से काम पूरा हुआ। बुधवार को भी बीएलओ अपनी ड्यूटी में जुट गए हैं। घर-घर जाकर गणना का काम जारी है।
आंकड़ों के अनुसार, चुनाव आयोग में पंजीकृत मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) की कुल संख्या फिलहाल 63 हजार से अधिक है। इनमें बीएलए-1 और बीएलए-2 शामिल हैं।
बीएलए-1 किसी विधानसभा क्षेत्र के लिए पार्टी का प्रतिनिधि होता है, जबकि बीएलए-2 किसी मतदान केंद्र के लिए संबंधित पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है।
चुनाव आयोग में पंजीकृत राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त बीएलए की संख्या काफी कम है। लिहाजा, जिला चुनाव अधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों से प्रति बूथ एक एजेंट तैनात करने का अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बीएलओ एसआईआर के दौरान सभी मान्यता प्राप्त दलों के बीएलए के साथ नियमित संपर्क बनाए रखेंगे।
भारतीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल समेत देश के 12 राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू किया है। आयोग ने 27 अक्टूबर को एसआईआर प्रक्रिया के दूसरे चरण की घोषणा की थी। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक गणना का काम होगा।
ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 दिसंबर को जारी की जाएगी, जिसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियों का दौर चलेगा। नोटिस चरण (सुनवाई और सत्यापन के लिए) 9 दिसंबर से 31 जनवरी, 2026 के बीच होगा। मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण का काम अगले साल 7 फरवरी को फाइनल मतदाता सूची जारी होने के साथ समाप्त होगा।












