👉 किसी भी वैध मतदाता का नाम कटने पर भाजपा को उखाड़ फेंकने की दी चेतावनी
कोलकाता : बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया शुरू हो गई है. फॉर्म वितरण भी शुरू हो गया है. इसी माहौल में आज ममता-अभिषेक सड़क पर हैं. तृणमूल कांग्रेस की ओर से मंगलवार को महानगर कोलकाता में एसआईआर के विरोध में एक विशाल जुलूस निकाली गई. यह जुलूस अंबेडकर प्रतिमा के नीचे से शुरू होकर जोड़ासांको स्थित ठाकुरबाड़ी तक गई. जुलूस में उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली के आम लोग और पार्टी समर्थक शामिल हुए हैं. टीएमसी नेताओं और समर्थकों का कहना है कि SIR स्वीकार नहीं है. हम दीदी के रास्ते पर चलेंगे. जुलूस में तृणमूल के कई मंत्री और शीर्ष नेता मौजूद रहे.
जुलूस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी दोनों ही नारेबाजी के साथ SIR की प्रक्रिया का विरोध किया. इस जुलूस में अलग-अलग धर्मों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. एक तरह से जुलूस में सभी धर्मों के बीच सद्भाव का संदेश भी दिया गया. बंगाल में एसआईआर को लेकर टीएमसी का कहना है कि इसके लिए चुनाव आयोग की ओर से जिन डॉक्यूमेंट और 2002-2003 वोटर लिस्ट की बात कही गई है वो फिट नहीं बैठता है.
चुनाव आयोग के फैसले का हो रहा विरोध
दरअसल, चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि 2002-03 के वोटर लिस्ट में जिसका नाम होगा उन्हें कोई कागजात दिखाने की जरूरत नहीं है. उन्हें इस बार के एसआईआर में अपने आप शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन जिनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है उन्हें आयोग की ओर से मांगे गए कागजात के साथ बीएलओ से संपर्क करना होगा. बीएलओ घर-घर भी जाएंगे और डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करेंगे.
पुरानी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का लगाया आरोप
दूसरी ओर टीएमसी का कहना है कि 2002-2003 में किए गए एसआईआर के बाद जो वोटर लिस्ट बनी थी उसमें भी गड़बड़ी थी. ऐसी स्थिति में त्रुटिपूर्ण वोटर लिस्ट को आधार मानकर कैसे इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जा सकता है.

पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है. उसके प्रक्रिया में बदलाव करना चाहिए.
7.66 करोड़ गणना प्रपत्र तैयार
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मंगलवार को शुरू हो गया है. बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) मतदाताओं के घरों पर जाकर उन्हें गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए कुल 80681 बीएलओ की तैनाती की गई है. राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अब तक कुल 7.66 करोड़ गणना प्रपत्र तैयार किए जा चुके हैं और प्रत्येक मतदाता को दो प्रपत्र मिलेंगे.












