👉 आरोपपत्र में गिरफ्तार अभियुक्तों पर BNS की 18 धाराओं में सगीन आरोप दर्ज
👉 PP का दावा- दो महीने के भीतर मुकदमा पूरा करने का प्रयास करेगी पुलिस
👉 पहले सहपाठी ने बनाए शारीरिक संबंध, फिर फिरदौस ने लूटी छात्रा की अस्मत
दुर्गापुर : दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की MBBS छात्रा से गैंगरेप मामले में 20 दिनों के अंदर दुर्गापुर के न्यूटाउनशिप थाने की पुलिस ने आरोप-पत्र (चार्ज शीट) दाखिल कर दिया। गुरुवार को दुर्गापुर उपजिला न्यायालय में मामले के अनुसंधानकर्ता की उपस्थिति में सभी 6 अभियुक्तों के खिलाफ 860 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया। न्यायालय ने आरोपपत्र स्वीकार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए छह लोगों के खिलाफ उनके अपराधों के अनुसार मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मेडिकल छात्रा के सहपाठी वासिफ अली के खिलाफ बलात्कार, नसीरुद्दीन, फिरदौस और अपू बाउरी नामक तीन आरोपियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार और शेख रियाजुद्दीन और शेख शफीक के खिलाफ अन्य धाराओं के तहत आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है।
घटना वाले दिन छात्रा अपने सहपाठी वासिफ अली के साथ मेडिकल कॉलेज के बाहर एक जंगल में गई थी। नसीरुद्दीन, फिरदौस और अपू बाउरी ने उन्हें एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंध बनाते हुए देखा था। पुलिस का आरोप है कि तीनों में से फिरदौस नामक एक लड़के ने भी लड़की के साथ बलात्कार किया। इसके कुछ ही देर बाद, शेख रियाज़ुद्दीन और शेख शफ़ीक घटनास्थल पर पहुँचे। उन्होंने कथित तौर पर लड़की से कुछ पैसे भी छीन लिए और भाग गए।
बाद में, शेख रियाज़ुद्दीन और शेख शफ़ीक के गुप्त बयान दर्ज किए गए। उन्होंने ही उस दिन की घटना पुलिस को बताई थी। पुलिस ने लड़की के बयान के बाद ही आरोप पत्र दाखिल किया, बाद में टीआई परेड में आरोपियों की पहचान की, घटना का पुनर्निर्माण किया और विभिन्न जानकारी और साक्ष्य एकत्र किए।
क्या कहना है PP बिवास चटर्जी का?
इस मामले के विशेष लोक अभियोजक (सार्वजनिक अभियोजक) बिवास चटर्जी ने कहा, “घटना 10 अक्टूबर को हुई थी। पुलिस ने 11 अक्टूबर को जाँच अपने हाथ में ली। पुलिस ने मात्र बीस दिनों में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। कुल 18 धाराओं में 6 आरोपियों के खिलाफ यह आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इस आरोपपत्र में केवल पीड़िता के सहपाठी (वासिफ अली) के खिलाफ बलात्कार की धारा का उल्लेख है। शेष 5 लोगों में से, अपू बाउरी, शेख नसीरुद्दीन और शेख फिरदौस पर सामूहिक बलात्कार, जबरन वसूली और डकैती का आरोप लगाया गया है। शेख रियाजुद्दीन और शफीक शेख पर डकैती और अपहरण का आरोप लगाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में उल्लेखनीय धाराएँ 7(1), 74, 75, 76, 76 और 79 हैं।” चटर्जी ने उम्मीद जताई है कि आरोप पत्र दाखिल होने के दो महीने के भीतर सुनवाई पूरी हो जाएगी और मामले का शीघ्र निपटारा हो जाएगा।
TI परेड की रिपोर्ट में फिरदौस मुख्य रेपिस्ट
पुलिस द्वारा न्यायाधीश शुभ्राकांति धर को सौंपी गई टीआई परेड रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने सभी पाँचों लोगों की सही पहचान की। इनमें से फिरदौस शेख मुख्य आरोपी है। इस घटना में उसकी सबसे बड़ी भूमिका है। यह भी कहा गया है कि फिरदौस शेख इस बलात्कार की घटना का मुख्य आरोपी है। उसने बलात्कार किया। बाकी पाँच भी किसी न किसी तरह से इस बलात्कार की घटना में शामिल हैं। हालाँकि फिरदौस ने बलात्कार किया था, लेकिन यह सामूहिक बलात्कार के बराबर है क्योंकि इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं। पुलिस जाँच में सहपाठी की भूमिका संदिग्ध साबित हुई है।
पिता के साथ ओडिशा लौट गई पीड़ित छात्रा

गौरतलब है कि टीआई परेड के बाद वाले दिन पीड़िता के पिता उसे ओडिशा के जलेश्वर स्थित उसके घर वापस ले गए थे। चार्जशीट दायर करने के दौरान कोर्ट परिसर में एसीपी सुबीर राय, सीआई रणवीर बाग, एनटीएस थाना प्रभारी नसरीन सुल्ताना सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

















