आसनसोल: जब पूरा देश भगवान भास्कर की उपासना में लीन था, वहीं आसनसोल में एक अलग ही भक्ति और मानवता का संगम देखने को मिला।
इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल, जो वर्षों से मानवाधिकार और सामाजिक समानता के क्षेत्र में कार्यरत है, ने इस छठ पर्व पर एक अनोखी पहल की — सफाई कर्मियों और छठ पूजा समितियों को सम्मानित कर उनके योगदान को सराहा।
🙏 संजय सिन्हा बोले — “सफाई कर्मियों को सम्मान देना हमारा नैतिक कर्तव्य”
संस्था के चेयरमैन संजय सिन्हा के नेतृत्व में टीम ने आसनसोल के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर नगर निगम के सफाई कर्मियों को उत्तरीय और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
उन्होंने कहा —
“हमारा शहर साफ-सुथरा रहता है तो यह इन कर्मवीरों की बदौलत है।
इन्हें अक्सर समाज के हाशिए पर रखा जाता है, लेकिन असल में यही हमारे शहर की रीढ़ हैं।
इनका सम्मान करना हमारा मानविक और सामाजिक कर्तव्य है।”
संजय सिन्हा ने आगे कहा कि समाज के इन मूक नायकों को मुख्यधारा से जोड़ना और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना ही संस्था का उद्देश्य है।
🧹 छठ घाटों की सफाई करने वाले कर्मवीरों को मिला सम्मान
इस मौके पर कुल्टी के सांखतोड़िया इलाके में कार्यरत बोरो 9 के दर्जनों सफाई कर्मियों को सम्मानित किया गया।
ये वही कर्मवीर थे जिन्होंने छठ पूजा से पहले और बाद में घाटों की सफाई कर भक्तों को स्वच्छ वातावरण प्रदान किया था।
🏵️ पूजा समितियों को भी मिला प्रशस्ति पत्र
कार्यक्रम के दौरान नवयुवक संघ नुनिया बस्ती छठ पूजा कमेटी को भी उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कमेटी की ओर से चेयरमैन संजय सिन्हा और उनकी टीम का भव्य स्वागत किया गया।
इसके अलावा, संजय सिन्हा और उनकी टीम आसनसोल के फतेहपुर भी पहुंचे, जहां श्री श्री छठ पूजा सर्वोदय सेवा समिति ने उन्हें सम्मानित किया। यह समिति कई वर्षों से छठ पर्व पर सेवा शिविर लगाकर भक्तों की सहायता कर रही है।
इस सेवा कार्य में चंदन ठाकुर, छोटे लाल, तपन, सोनू, संजय और बंटी का विशेष योगदान रहा।
👥 टीम में शामिल रहे सामाजिक कार्यकर्ता
इस मौके पर संजय सिन्हा के साथ संस्था के अन्य सदस्य —
असलम जमील, अंजन दे, सुशील नुनिया, पवन कुमार सिंह, अभिजीत कुमार लाला, यासमीन सुल्ताना, मोहम्मद अमजद, सतबीर सिंह और बंटी खान उपस्थित रहे।
✨ यह सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि संवेदना की जीत है
इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि छठ सिर्फ सूर्य उपासना का पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और मानवता का भी उत्सव है।
सफाई कर्मियों के प्रति सम्मान और आभार का यह दृश्य आसनसोल में मानवता की नई मिसाल बन गया।

















