दुर्गापुर (प्रेम शंकर चौबे) : साल 1964 में बॉलीवुड ने सिने पर्दे में एक सुपरहीट फिल्म प्रदर्शित किया था- ”संगम”। इस फिल्म में गीताकर मुकेश द्वारा गाया गया एक गाना काफी मशहूर हुआ था। गाने के बोल कुछ इस प्रकार थे- ‘दोस्त-दोस्त ना रहा, प्यार-प्यार ना रहा।’ दुर्गापुर गैंगरेप की वारदात कुछ इसी फिल्मी गीत के ईर्द-गिर्द अपना ताना-बाना बुनती नजर आ रही है। आने वाले समय में इसका खुलासा होना निश्चित है, लेकिन यह तय है कि इस वारदात ने दोस्ती जैसी अनमोल संपदा को बलिवेदी पर निर्वासित कर दिया। भारत में जहां दोस्ती का पैमाना श्रीकृष्ण-सुदामा और चंद्रगुप्त-चाणक्य के रूप में दी जाती रही है, वहीं इस वारदात ने दोस्ती के पीछे रची गई कालिमायुक्त साजिश को सबके सामने लाकर रख दिया है।
कहानी…
ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली 23 साल की एक लड़की डॉक्टर बनने का सपना लेकर बंगाल आती है। दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज में अपनी MBBS की पढ़ाई शुरू करती है। इस दौरान उसकी मुलाकात मालदा निवासी वासिफ अली से होती है। क्लास की दोस्ती परवान चढ़ जाती है…और विश्वास अटूट बन जाता है। इसी विश्वास की लकीर पर चलते हुए वह छात्रा रात में डिनर करने के लिए अपनी उस दोस्त के साथ बेझिझक और निश्चिंत होकर निकल जाती है कि उसका दोस्त उसके साथ है।
कहानी में मोड़…
कहानी में मोड़ इसके बाद आता है, जब छात्रा का सर्वस्व लूट जाता है और अंततः उसका दोस्त ही वारदात के मूल में आकर पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है। CITY TODAY NEWS NETWORK ने इस घटना का बारीकी से अध्ययन किया। CCTV फुटेज भी जुटाए। उसमें एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। वारदात (10 अक्टूबर-शुक्रवार) की शाम वाली सीसीटीवी फुटेज में वासिफ को पीड़िता के साथ 7:58 बजे कॉलेज से बाहर जाते और फिर 8:42 बजे अकेले लौटते देखा गया। इसके बाद दोनों (वासिफ और पीड़िता) को 9:29 बजे साथ लौटते हुए देखा गया। यानी कि वासिफ पहले डिनर के लिए छात्रा को ले जाता है, वो भी सुनसान जगह पर, जहां जाने वाली सड़क पर न तो लाइटें लगी हैं और न ही सीसीटीवी कैमरे हैं। इसके बाद छात्रा के साथ अनहोनी हो जाती है तो वह चुपचाप कॉलेज वापस लौट आता है, किसी को कुछ बताता भी नहीं है। फिर वह कॉलेज से निकलता है और छात्रा को साथ लेकर वापस लौटता है। पूरा ट्वीस्ट इसी फुटेज से साफ हो जाता है कि आखिर क्या हुआ होगा? यही वजह है कि पीड़िता के पिता ने भी पुलिस को दिए गए अपने बयान में वासिफ पर संदेह जताया था।
वासिफ को लेकर क्या बोले CP
पुलिस कमिश्नर (CP) सुनील कुमार चौधरी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वासिफ अली की भूमिका काफी संदेहजनक पाई गई है। वह शुरू से ही शक के घेरे में था और पिछले चार दिनों से उससे लगातार पूछताछ की जा रही थी। मंगलवार को उसे क्राइम सीन पर ले जाकर घटना का रिकंस्ट्रक्शन कराया गया। कई अहम सबूत मिलने के बाद उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके बयान में भी विसंगतियां मिली है। उसका पहनावा भी एकत्र कर लिया गया है, जो उसने वारदात के दौरान पहन रखे थे।
किन-किन धाराओं में केस दर्ज?
🔹NTS PS Case No. 131/2025 dated- 11.10.2025 u/s 70(1)/3(5) of BNS 2023.
🔹जांच अधिकारी (IO)- अवर निरीक्षक (SI) गौतम विश्वास।
🔹164 के तहत पीड़ित छात्रा का गोपनीय बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया गया।
पीड़िता की प्राथमिक मेडिकल रिपोर्ट में क्या?
👉 बलात्कार के स्पष्ट संकेत।
👉 गुप्तांग पर चोट के निशान।
👉 गुप्तांग के अंदर की त्वचा फट गई।
👉 भारी रक्तस्राव।
किनकी हुईं गिरफ्तारियां?
✔️ शेख रियाजुद्दीन उर्फ मंटू, उम्र-31 (बी-जोन के बिजड़ा गांव, डांगा पाड़ा निवासी)
✔️ फिरदौस शेख उम्र-23 (बी-जोन के बिजड़ा गांव, डांगा पाड़ा निवासी)
✔️ अपू बाउरी उम्र-21 (बी-जोन के बिजड़ा गांव, बाउरी पाड़ा निवासी)
✔️ नसीरूद्दीन शेख उर्फ सम्राट उम्र-23 (बी-जोन के बिजड़ा गांव, डांगा पाड़ा निवासी) इसी की बाइक से सभी भागे थे।
✔️ सफीक शेख उम्र-28 (बी-जोन के बिजड़ा गांव, डांगा पाड़ा निवासी)
✔️ वासिफ अली उम्र-26 (मालदा का निवासी और पीड़िता का सहपाठी)
आरोपियों की कार्यशैली
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक पूर्व सुरक्षा गार्ड है, जो उसी निजी कॉलेज में काम करता था। कुछ अनैतिकता की वजह से उसे 5 साल पहले कॉलेज से निकाल दिया गया था। एक अन्य आरोपी वर्तमान में किसी अन्य अस्पताल में कार्यरत है। इसके अलावा एक और आरोपी दुर्गापुर नगर निगम में अस्थायी कर्मचारी है और एक बेरोजगार है। ये सभी पूर्व में किसी अपराध से जुड़े हैं या नहीं? यह रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं।