दुर्गापुर : दुर्गापुर गैंगरेप का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। उच्च न्यायालय में मामला दर्ज करने की अनुमति मिल गई है। न्यायमूर्ति शम्पा दत्ता पाल ने मंगलवार को कथित तौर पर यह अनुमति दी। सुनवाई 16 अक्टूबर (गुरुवार) को होने की संभावना है। पता चला है कि दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने इस घटना के कारण वहाँ हो रहे आंदोलन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं, भाजपा एक और याचिका दायर करने जा रही है। पुलिस जाँच की प्रगति, राज्य पुलिस पर भरोसा न होने के कारण सीबीआई जाँच की माँग की गई है। इधर, पुलिस के सामने मुख्य आरोपी ने वारदात की पूरी तस्वीर पेश की। डीसीपी (पूर्व) अभिषेक गुप्ता के नेतृत्व में एक बड़ी पुलिस बल मंगलवार दोपहर 2:30 बजे घटनास्थल पर पहुंची और घटना का पुनर्निर्माण (सीन-रिक्रिएट) किया।
मुख्य आरोपी शेख नसीरुद्दीन उर्फ सम्राट और पीड़िता का पुरुष मित्र वसीम, जो घटना के दिन पीड़िता के साथ था, को घटनास्थल पर लाया गया। आरोपी और सहपाठी ने पुलिस को विस्तार से दिखाया और बताया कि कैसे शुक्रवार रात क्रूर घटना को अंजाम दिया गया था।
पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार लोगों द्वारा पहने गए कपड़ों को जब्त किया है। कपड़ों से फोरेंसिक नमूने एकत्र करने के लिए उन्हें टेस्ट के लिए लैब में भेजा गया है। अब पुलिस को फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।
वारदात की कड़ी जोड़ रही पुलिस, आरोपियों को साथ लेकर डीसीपी ने करवाया सीन-रिक्रिएशन
इधर, आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट ने दुर्गापुर के शोभापुर स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की जाँच में तेज़ी लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मंगलवार सुबह पुलिस की एक टीम शेख रियाज़ुद्दीन और शेख नसीरुद्दीन को बिजड़ा गाँव ले गई। ये दोनों इसी गाँव के निवासी हैं। उनके घर की तलाशी ली गई। घर से दोनों के कपड़े ज़ब्त कर लिए गए हैं। पता चला है कि घटना वाले दिन उन्होंने जो कपड़े पहने थे, उन्हें भी ज़ब्त कर लिया गया है। उनकी फोरेंसिक जाँच की जाएगी। जो इस घटना और मामले की जाँच में अहम भूमिका निभाएगी।

पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि इस गाँव और उसके आसपास के इलाकों में घटना से जुड़े कई सूत्र मिल सकते हैं। दुर्गापुर के न्यू टाउनशिप पुलिस स्टेशन और दुर्गापुर पुलिस स्टेशन की पुलिस की एक संयुक्त टीम आज इस ऑपरेशन में शामिल थी।

बताया जा रहा है कि पुलिस ने दोनों के परिजनों के साथ-साथ कई स्थानीय निवासियों से भी पूछताछ की है। पुलिस का दावा है कि इस अभियान के ज़रिए जाँच आगे बढ़ेगी और घटना के पीछे का असली राज़ जल्द ही सामने आएगा।
दूसरी ओर, सुबह करीब 11 बजे आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी (पूर्व) अभिषेक गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम मेडिकल कॉलेज अस्पताल से सटे इलाके में पहुँची। उन्होंने कॉलेज गेट से लेकर परानगंज जंगल तक के इलाके का निरीक्षण किया।

इलाके की घेराबंदी कर दी गई थी ताकि मीडिया के प्रतिनिधि जंगल वाली सड़क पर न जा सकें। गिरफ्तार लोगों को लाया गया है। डीसीपी (पूर्व) खुद पूरी घटना की “रिकंस्ट्रक्शन” कर रहे हैं।
पीड़िता ने डॉक्टर के सामने बयां किया अपना दर्द
गैंगरेप पीड़िता ने डॉक्टर को दिए अपने बयान में कहा- “हमने देखा कि तीन लोग अपनी गाड़ी छोड़कर हमारी ओर आ रहे हैं. हम डरकर जंगल की तरफ भागने लगे. वो तीनों पीछे दौड़ आए, मुझे पकड़ लिया, घसीटकर जंगल में ले गए. फिर पीछे से पकड़कर मेरा फोन छीन लिया और बोला अपने दोस्त को बुला, फिर खुद फोन ले लिया.”
पीड़िता ने आगे कहा, “जब मेरा दोस्त नहीं आया, उन्होंने मुझे अंदर जंगल में ले जाकर नीचे लिटा दिया. एक शख्स ने मेरी पैंट खोल दी और मेरे साथ गलत काम करने लगा. जब मैंने चिल्लाना शुरू किया, तो उन लोगों ने धमकी दी कि अगर ज्यादा शोर मचाया तो और लोग आकर यही करेंगे.”
आरोपी की पत्नी ने कहा- पति घर पर था, रेप कैसे किया
दुर्गापुर गैंगरेप मामले में गिरफ्तार 5 आरोपियों में से एक आरोपी की पत्नी मंगलवार को मीडिया के सामने आई। उसने दावा किया है कि उसका पति घटना वाली रात उस समय अपने घर में मौजूद था, तो उसने किसी का रेप कैसे कर दिया?

बता दें कि बिजड़ा गांव में मंगलवार को पुलिस की एक टीम घटना का रिकंस्ट्रक्शन कर रही है। इस दौरान एक आरोपी की पत्नी ने यह दावा किया। इधर, आरोपी की पत्नी के दावे के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि मामले की जांच सही दिशा में चल रही है?
सीन-रिक्रिएशन जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा- पुलिस अधिकारी
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को जंगली इलाके में ले जाया गया, जो परानगंज काली बाड़ी श्मशान स्थल के पास है और निजी मेडिकल कॉलेज के गेट के नजदीक है। अधिकारी ने कहा, ‘घटना का पुनः निर्माण जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस बीच, मंगलवार की सुबह पांच में से दो आरोपियों को उनके घर ले जाया गया। इसका उद्देश्य यह था कि उनकी जगह से कोई ऐसा सबूत खोजा जा सके जो उन्होंने छिपाया हो। दिन के बाद, सभी पांच आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा।
निजी कॉलेज का पुराना गार्ड रह चुका है एक आरोपी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक पूर्व सुरक्षा गार्ड है, जो उसी निजी कॉलेज में काम करता था। दूसरा आरोपी वर्तमान में किसी अन्य अस्पताल में कार्यरत है। इसके अलावा एक आरोपी स्थानीय नगर निगम में अस्थायी कर्मचारी है और एक बेरोजगार है।
ओडिशा CM ने पीड़िता से बात कर दिया हरसंभव मदद का भरोसा
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पीड़िता से फोन पर बात की और उन्हें सभी संभव मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने पीड़िता की मां और ओडिशा स्टेट कमीशन फॉर विमेन की अध्यक्ष शोवना मोहंती से भी बात की, जो अस्पताल में मौजूद थीं। इस बातचीत का वीडियो मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीडिया के साथ साझा किया। माझी ने पीड़िता से कहा कि कृपया बिल्कुल भी चिंता न करें। ओडिशा सरकार पूरी तरह से आपके और आपके परिवार के साथ है। हम सब देखेंगे। धैर्य न खोएं और साहस के साथ स्थिति का सामना करें। उन्होंने पीड़िता की जल्द स्वस्थ होने की कामना की और उनकी पढ़ाई जारी रखने में मदद का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया। पीड़िता ने मुख्यमंत्री से ओडिशा के किसी मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर की मदद मांगी, जिस पर सीएम माझी ने कहा कि वे इसके लिए अधिकारियों से जानकारी हासिल करेंगे और संभव विकल्प तलाशेंगे।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने सीएम ममता को लिखा पत्र
इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मामले में गहरी चिंता जताई और पीड़िता की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए कई अहम सिफारिशें कीं। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर कहा कि पीड़िता को शिक्षा में आ रही बाधा और मानसिक आघात को देखते हुए तुरंत राहत दी जाए।
विजया रहाटकर ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता। हमें पीड़िता को न्याय मिलने तक इस मामले की निगरानी करनी होगी। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी होना, न्याय से इनकार करने के बराबर है। बता दें कि इससे पहले एनसीडब्ल्यू की सदस्य अर्चना मजूमदार ने हाल ही में दुर्गापुर जाकर मामले की जांच की थी।
ओडिशा महिला आयोग अध्यक्ष ने की फास्ट-ट्रैक की मांग
ओडिशा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सोवाना मोहंती का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा,”पीड़िता का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आग्रह करती हूं कि वे सुनिश्चित करें कि पीड़िता को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा सुविधा मिले। पीड़िता को शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऐसे जघन्य कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों पर फास्ट-ट्रैक अदालतों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।”
क्या है पूरी वारदात?
दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज में MBBS की सेकेंड इयर की छात्रा (23 वर्ष) शुक्रवार की रात को अपने एक पुरुष मित्र वसीम अली के साथ कॉलेज से बाहर डिनर के लिए गई थी. उसी दौरान रास्ते में आरोपियों ने उसे घेर लिया। खींचकर जंगल में ले गए। मोबाइल छीन लिया और गैंगरेप किया। इस दौरान वसीम पीड़िता को अकेला छोड़कर भाग खड़ा हुआ। गैंगरेप के बाद आरोपियों ने पीड़िता को मोबाइल वापस करने के बदले 3 हजार रुपए मांगे। पैसे नहीं देने पर उसका मोबाइल रख लिया और उसे छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें अप्पू बाउरी (21 वर्ष), शेख फिरदौस (23 वर्ष), शेख रियाजुद्दीन (32 वर्ष), मुख्य आरोपी शेख नसीरुद्दीन (24 वर्ष) और शेख शफीकुल शामिल हैं।