आसनसोल।
दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) द्वारा बिना पूर्व सूचना के पानी छोड़े जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। पश्चिम बंगाल सरकार के कानून मंत्री मलय घटक के नेतृत्व में टीएमसी कार्यकर्ताओं का बड़ा दल झारखंड के पंचेत पहुंचा और डीवीसी मुख्यालय के सामने जोरदार धरना दिया।
बताया जा रहा है कि डीवीसी ने पंचेत डैम से अचानक पानी छोड़ दिया, जिससे पश्चिम बर्दवान जिले के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए। लोगों के घरों में पानी घुस गया, फसलें बर्बाद हो गईं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सबसे बड़ी बात, राज्य सरकार को इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई।
धरने के दौरान टीएमसी समर्थकों ने डीवीसी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की — “डीवीसी होश में आओ”, “जनता से खिलवाड़ बंद करो” जैसी आवाज़ें परिसर में गूंजती रहीं।
मंत्री मलय घटक ने कहा,
“डीवीसी को जवाब देना होगा कि बिना बंगाल सरकार को बताए पानी कैसे छोड़ा गया। यह केवल तकनीकी गलती नहीं, बल्कि आम जनता की जान के साथ खिलवाड़ है। बंगाल सरकार जनता के साथ है और हम इस अन्याय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।”
धरने के दौरान झारखंड और बंगाल, दोनों राज्यों की पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार डीवीसी से औपचारिक स्पष्टीकरण और नुकसान का मुआवज़ा मांगने की तैयारी में है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि हर साल मानसून में डीवीसी इसी तरह पानी छोड़ता है और निचले इलाकों में तबाही मच जाती है, लेकिन इस बार सरकार ने सीधे मैदान में उतरकर विरोध दर्ज कराया, जिससे जनता में राहत और संतोष की भावना दिखी।