आसनसोल। रेल पुलिस के कथित अत्याचार और अवैध वसूली के खिलाफ तृणमूल श्रमिक संगठन ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। शनिवार को आसनसोल बस स्टैंड स्थित तृणमूल श्रमिक संगठन कार्यालय में हुई बैठक में इस मुद्दे पर रणनीति बनाई गई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संगठन के नेता राजू अहलूवालिया ने कहा कि त्योहारों के मौसम में रेल पुलिस छोटे कारोबारियों, फेरीवालों और गरीब दुकानदारों को जबरन हटाने और परेशान करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि स्टेशन रोड पर बैठे छोटे दुकानदार और सुभाष सिनेमा के सामने फूल बेचने वाले लोग अपना गुज़ारा कर रहे हैं, लेकिन उन पर लगातार रेल पुलिस द्वारा ज्यादती की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रेल प्रशासन को पहले इन लोगों का पुनर्वास करना चाहिए, उसके बाद ही उन्हें हटाने की कार्रवाई करनी होगी।
गणेश चौरसिया, जो स्टेशन क्षेत्र में फेरी लगाते हैं, ने बैठक में बताया कि रेल पुलिसकर्मी नियमित रूप से उनसे अवैध वसूली करते हैं। ‘‘हर बार एक हजार रुपये देने के बाद भी धमकाया जाता है और दुकान हटाने की कोशिश की जाती है। इतना ही नहीं, पुलिस हमारे फल भी जब्त कर लेती है और उसके पैसे भी नहीं देती,’’ उन्होंने कहा।
बैठक में यह भी खुलासा हुआ कि यह सिलसिला महीनों से जारी है और कई गरीब परिवार रोज़ाना अपमान और भय में जी रहे हैं। संगठन ने तय किया कि अब इस मुद्दे पर आंदोलन तेज़ किया जाएगा और ज़रूरत पड़ी तो रेलवे प्रशासन व जिला प्रशासन के कार्यालयों के सामने प्रदर्शन भी किया जाएगा।
तृणमूल श्रमिक संगठन ने कहा कि अगर रेल पुलिस की ज्यादतियां बंद नहीं होतीं और अवैध वसूली पर अंकुश नहीं लगाया जाता तो बड़े स्तर पर आंदोलन होगा। संगठन ने चेतावनी दी कि गरीबों की रोज़ी-रोटी छीनने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।