रानीगंज/आसनसोल:
राजनीतिक गरमाहट एक बार फिर आसनसोल के रानीगंज से उठी है, जहां पूर्व मेयर और भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने सीधे-सीधे तृणमूल कांग्रेस सरकार और नगर निगम पर शिक्षा के क्षेत्र में घोर लापरवाही का आरोप लगाया है।
जितेंद्र तिवारी ने अपने यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर विकास के दावों को खोखला बताया और कहा:
“रानीगंज में विकास का कोई नामोनिशान नहीं है, उल्टा स्कूल बंद हो रहे हैं!”
▶ कौन-कौन से आरोप लगाए गए?
- रानीगंज में 5 स्कूल बंद – 3 बंगला, 1 हिंदी और 1 उर्दू माध्यम
- 2024 से कंपोजिट ग्रांट बंद – स्कूलों को मिलने वाला फंड रोक दिया गया
- बच्चों को ड्रेस नहीं मिल रही – अन्य स्कूलों की तरह सुविधाएं गायब
- 2021 के बाद कोई विकास नहीं – छोटे-छोटे काम भी अधूरे
तिवारी ने रानीगंज को “आसनसोल क्षेत्र का सबसे वांछित और महत्वपूर्ण शहर” बताया और सवाल उठाया कि
“जब बाकी इलाकों में विकास हो रहा है, तो रानीगंज को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है?”
▶ सरकारी पक्ष से क्या जवाब मिला?
रानीगंज के बोरो चेयरमैन मुजम्मिल शहजाद से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ।
वहीं, आसनसोल नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय ने प्रतिक्रिया में कहा:
“कंपोजिट ग्रांट से संबंधित जानकारी कार्यालय से पुष्टि के बाद दी जाएगी।”
और साथ ही चुटकी ली:
“अगर तिवारी जी कह रहे हैं कि 2021 के बाद कोई विकास नहीं हुआ, तो शायद उन्होंने 2021 तक ही सारा विकास कर डाला था!”
मेयर ने जोर देकर कहा कि तृणमूल सरकार हर कोने में विकास कर रही है, और रानीगंज इससे अछूता नहीं है।
▶ राजनीतिक हलचल तेज, जनता की नजरें अब कार्रवाई पर
पूर्व मेयर तिवारी के आरोपों ने रानीगंज में राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है।
अब देखना यह होगा कि
- बंद हुए स्कूल दोबारा खुलते हैं या नहीं
- कंपोजिट ग्रांट बहाल होती है या नहीं
- और सबसे बड़ी बात – क्या रानीगंज को उसका “विकास” मिलेगा?