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भूटान में लहराया भारत का झंडा! संजय सिन्हा बने ‘बेस्ट सोशल एक्टिविस्ट’

📍थिंपू, भूटान |

भारत के लिए एक बार फिर गर्व का क्षण! मीडिया पर्सनैलिटी, समाजसेवी और मानवाधिकारों के सशक्त प्रहरी संजय सिन्हा को भूटान की राजधानी थिंपू में आयोजित एक भव्य अंतरराष्ट्रीय समारोह में ‘बेस्ट सोशल एक्टिविस्ट ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

यह सम्मान उन्हें इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के इंटरनेशनल चेयरमैन के रूप में समाज सेवा और मानवाधिकारों के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। कार्यक्रम का आयोजन भूटान सरकार के प्रतिष्ठान ग्लोबल विलेज कनेक्शंस और शी साइकिल सॉल्यूशंस के सहयोग से नामसिलिंग बुटीक होटल, थिंपू में हुआ।

🎤 सम्मान मिलते ही गूंजा तालियों का शोर

समारोह के दौरान जैसे ही संजय सिन्हा का नाम पुकारा गया, हॉल तालियों से गूंज उठा। उपस्थित लोगों ने खड़े होकर उनका अभिनंदन किया। सम्मान ग्रहण करने के बाद संजय सिन्हा ने कहा:

“मेरा सपना है कि दुनिया भर के देशों को एक साझा मंच पर लाकर एक ऐसी मानवतावादी चेतना पैदा की जाए, जो सभी को उनके अधिकारों की जानकारी और न्याय दिलाने का माध्यम बने।”

🌍 19 हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स के साथ सेवा में संलग्न

उनकी संस्था “इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल” आज एक ग्लोबल मूवमेंट बन चुकी है, जिसके साथ भारत, नेपाल, भूटान, मालदीव्स, मॉरिशस सहित कई देशों के लगभग 19,000 सदस्य जुड़े हैं। ये सदस्य मानवाधिकार जागरूकता, झुग्गी बस्तियों की महिलाओं, स्ट्रीट चिल्ड्रन, वरिष्ठ नागरिकों और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं।

🎬 एक अभिनेता, पत्रकार और समाजसेवी का संगम

दिल्ली विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने के बाद संजय सिन्हा ने पत्रकारिता में कदम रखा और कई नामी संस्थानों से जुड़े। इसके साथ ही उन्होंने फिल्मों में अभिनय कर अपनी संवेदनशीलता का परिचय भी दिया। बावजूद इसके, आज भी वो सादगी से जीवन जीते हैं और समाज सेवा में रत हैं।

🎤 आयोजकों ने भी की खुलकर सराहना

समारोह के एंकर और आयोजक आमोल रंगनाथ भगत ने कहा:

“संजय सिन्हा सिर्फ एक मीडिया पर्सनैलिटी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं। उनका जीवन संघर्षशील रहा है, पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी।”

ghanty

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