कोलकाता : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश में टीकाकरण के क्षेत्र में हुई प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा, यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। वह बुधवार को यहां एम्स कल्याणी के प्रथम दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने पहले बैच के 48 एमबीबीएस स्नातकों और नौ पोस्ट-डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स के (पीडीसीसी) छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं। साथ ही, युवा डॉक्टरों से गरीब और वंचित वर्ग की सेवा करने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टरों ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता के समय औसत जीवन प्रत्याशा केवल 32 वर्ष थी, जो अब बढ़कर लगभग 70 वर्ष हो गई है।
उन्होंने कहा, हाल के वर्षों में टीकाकरण के क्षेत्र में असाधारण प्रगति हुई है और कई बीमारियों का उन्मूलन भी संभव हुआ है। उदाहरण के लिए, भारत को पिछले वर्ष ट्रेकोमा-मुक्त घोषित किया गया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अब भी कई चुनौतियां बाकी हैं, जहां युवा डॉक्टर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। मधुमेह, हृदय रोग और मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने में डॉक्टरों की भूमिका सरकार या अन्य पक्षकारों से भी अधिक महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति ने जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया और कहा कि डॉक्टरों को न केवल दवाइयों तक सीमित रहकर इलाज करना चाहिए, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली के लिए जागरूकता भी फैलानी चाहिए।
समारोह में बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर, बंगाल की स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और एम्स कल्याणी के कार्यकारी निदेशक डॉ रामजी सिंह शामिल थे।