महात्मा गांधी हाई स्कूल की हालत पर विधायक का फूटा गुस्सा, कहा– ये धोखा है

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बर्नपुर, न्यूटाउन साता (आसनसोल):
राज्य सरकार द्वारा संचालित महात्मा गांधी हाई स्कूल (हायर सेकेंड्री) की लचर व्यवस्था और अव्यवस्थाओं को लेकर बुधवार को स्थानीय विधायक अग्निमित्रा पाल ने कड़ा रुख अपनाया। स्कूल का दौरा करने के बाद उन्होंने स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग की जमकर आलोचना की।

👩‍🏫 शिक्षक गायब, प्रिंसिपल साल में दो बार!
विधायक ने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है कि स्कूल के शिक्षक नियमित रूप से उपस्थित नहीं होते और प्रधानाध्यापक तो पूरे साल में केवल एक-दो बार ही स्कूल आते हैं। 11वीं-12वीं के छात्रों की पढ़ाई लगभग ठप है, यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है।”

💸 फीस वसूल कर पढ़ाई से धोखा!

अग्निमित्रा पाल ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन बच्चों से अवैध रूप से फीस वसूल कर रहा है, जबकि शिक्षण कार्य ना के बराबर हो रहा है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार पैसे और संसाधन भेज रही है, फिर भी अगर शिक्षक समय पर ना आएं और बच्चों से जबरन पैसा वसूला जाए, तो यह सीधा-सीधा शिक्षा के नाम पर घोटाला है।”

⚖️ शिक्षा विभाग को भेजेंगी शिकायत, चेताया आंदोलन का इशारा

विधायक ने स्पष्ट किया कि वे पूरे मामले की रिपोर्ट राज्य के शिक्षा मंत्री और उच्च अधिकारियों को सौंपेंगी। साथ ही चेतावनी दी कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ, तो वे आंदोलन की राह पकड़ेंगी।

बच्चों का भविष्य बर्बाद करने की इजाज़त किसी को नहीं दी जाएगी। अगर प्रशासन आंखें मूंदे बैठा रहा, तो सड़क पर उतर कर जवाब लूंगी।” — अग्निमित्रा पाल

👨‍👩‍👧‍👦 अभिभावकों का भी फूटा गुस्सा

छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ट्यूशन और कोचिंग पर निर्भर हो गई है, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों में अगर यह हाल है, तो गरीब बच्चों का भविष्य अंधकारमय है।

🏫 सरकारी स्कूलों की निगरानी प्रणाली पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल की शिक्षा व्यवस्था और सरकारी स्कूलों की निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो इसका सीधा असर न सिर्फ छात्रों पर बल्कि राज्य सरकार की छवि पर भी पड़ेगा।

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