[metaslider id="6053"]

NH-2 पर 25 फुट गहरा गड्ढा, जानलेवा बना कोलकाता-Delhi हाईवे!

आसनसोल, पश्चिम बंगाल:
आज सुबह आसनसोलवासियों के लिए डरावनी बन गई जब रघुनाथबाटी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग 2 (NH-2) पर तेज धमाके की आवाज के साथ भूधंसान (सड़क धंसने) की बड़ी घटना घट गई। यह वही हाईवे है जो कोलकाता को दिल्ली से जोड़ता है।

सुबह करीब 5 बजे अचानक तेज आवाज के साथ सड़क धंसी और एक करीब 25 फुट गहरा व 6-8 फुट चौड़ा गड्ढा सड़क के बीचोंबीच बन गया। कुछ ही पलों में NH-2 का यह हिस्सा पूरी तरह से यातायात के लिए अवरुद्ध हो गया।

⚠️ जान पर खेल रहे हैं वाहन चालक

चार घंटे बीत जाने के बावजूद भी गड्ढे की मरम्मत शुरू नहीं हुई है। इसी कारण मालवाहक ट्रक, बाइक और अन्य वाहन जान हथेली पर रखकर गड्ढे के किनारे-किनारे निकलने को मजबूर हैं। ट्रैफिक पुलिस ने घेराबंदी जरूर की है, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है।

📢 स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा: “ECL की लापरवाही”

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में ECL (Eastern Coalfields Limited) द्वारा लंबे समय से भूमिगत कोयले की खुदाई की जा रही है। माइनिंग के बाद उचित भराई न होने के कारण हर साल बरसात में ऐसे हादसे होते हैं। लोगों ने कहा:

“यह कोई नई घटना नहीं है। कुछ साल पहले भी भूधंसान से हमारा क्लब पूरी तरह धंस गया था। अब हमारे घरों पर भी खतरा मंडरा रहा है।”

🏚️ बरसात में बढ़ रहा खतरा, लोग डरे सहमे

इलाके के लोग अब हर रात दहशत में काटते हैं। उन्हें डर है कि कब उनका घर भी सड़क की तरह धंस जाए। खासकर बरसात के मौसम में जमीन का धंसना एक आम बात बनती जा रही है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि:

  • ECL के माइनिंग क्षेत्रों की तत्काल जांच की जाए।
  • भूमिगत कोयला खदानों की सुरक्षा जांच कर सही भराई कराई जाए।
  • प्रभावित क्षेत्रों में भूगर्भ सर्वेक्षण कर भविष्य की रणनीति बनाई जाए।

🔴 प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

अब तक जिला प्रशासन या ECL की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लोगों का कहना है कि प्रशासन घटनाओं के बाद ही सक्रिय होता है, जबकि जरूरत नियमित निगरानी और कार्यवाही की है

🔚 निष्कर्ष:

इस घटना ने फिर से एक बार दिखा दिया है कि कैसे विकास और खनन के नाम पर जनजीवन को खतरे में डाला जा रहा है। अगर इस गड्ढे में कोई वाहन गिरता या कोई जान जाती, तो यह लापरवाही जन-क्रोध का विस्फोट बन सकती थी।

अब सवाल उठता है – क्या ECL और प्रशासन इस बार सबक लेंगे? या फिर अगली बरसात का इंतजार करेंगे?

ghanty

Leave a comment