आसनसोल से रिपोर्ट ||
आसनसोल के काली पहाड़ी स्थित एसबीएसटीसी टर्मिनल पर सोमवार को सिद्धू-कानू की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर राज्य के कानून मंत्री मलय घटक, आसनसोल नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य गुरदास चटर्जी, विभिन्न आदिवासी संगठनों के नेता और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
✊ आदिवासी स्वाभिमान की प्रेरणा हैं सिद्धू-कानू
वक्ताओं ने सिद्धू-कानू के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उनका संघर्ष सिर्फ ऐतिहासिक नहीं, बल्कि आज भी सामाजिक चेतना का प्रतीक है। उन्होंने संथाल विद्रोह के माध्यम से अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई थी, और यही कारण है कि वे आदिवासी स्वाभिमान के अमिट प्रतीक बन चुके हैं।
🗣️ ममता सरकार की योजनाएं गिनाईं मंत्री मलय घटक ने
कार्यक्रम के दौरान मंत्री मलय घटक ने ममता बनर्जी सरकार की ओर से चलाए जा रहे आदिवासी कल्याण योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा—
“चाहे पारंपरिक सांस्कृतिक उत्सवों को समर्थन देना हो, या शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर सुनिश्चित करना, ममता सरकार ने हर स्तर पर आदिवासी समाज के उत्थान के लिए ठोस कार्य किया है।”
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर राज्य में ‘जल, जंगल, ज़मीन’ की रक्षा, आदिवासी छात्रवृत्ति, आवास योजनाएं और आदिवासी हाट जैसे कई कार्यक्रम सक्रिय हैं।
📣 समाज की मांग—अधिकारों और पहचान की रक्षा की जाए
कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय आदिवासी नेताओं और समाजसेवियों ने सरकार से आदिवासियों की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा, शिक्षा में आरक्षण के प्रभावी क्रियान्वयन और रोजगार के विशेष अवसरों की मांग रखी।