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एक आंदोलन, एक संकल्प: बर्नपुर में 400वां रक्तदान शिविर बना उदाहरण

बर्नपुर: जब समाज सेवा जुनून बन जाए, तो हर कदम प्रेरणा बन जाता है। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया फर्स्ट केयर चैरिटेबल फाउंडेशन ने, जिसने बर्नपुर के शांतिनगर इलाके में अपना 400वां रक्तदान शिविर आयोजित कर सेवा का कीर्तिमान रच दिया।

इस अवसर पर संस्था के प्रेरणास्त्रोत प्रवीर धर के रक्तदाता आंदोलन से प्रभावित होकर काम कर रहे परमजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद अब तक 50 बार रक्तदान किया है और उनका उद्देश्य है कि हर युवा वर्ष में कम से कम दो बार रक्तदान करे।

35 से अधिक लोगों ने किया स्वैच्छिक रक्तदान

शिविर में उत्साहपूर्ण माहौल देखा गया जहां 35 से अधिक रक्तदाताओं ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। युवाओं के साथ-साथ महिलाओं ने भी इस पुनीत कार्य में भागीदारी निभाई। कई लोगों ने पहली बार रक्तदान किया और इसे जीवन का अनमोल अनुभव बताया।

चार साल, 400 शिविर, हजारों जीवन

फाउंडेशन ने मात्र चार वर्षों में 400 रक्तदान शिविर आयोजित कर यह सिद्ध कर दिया कि निरंतरता और निष्ठा से बड़े लक्ष्य भी सरल हो सकते हैं। यह न केवल संस्थागत सेवा भावना का प्रतीक है, बल्कि समाज में रक्तदान को लेकर जागरूकता लाने का सशक्त माध्यम भी बन गया है।

स्थानीय लोगों की सराहना और समर्थन

स्थानीय समाजसेवियों, नेताओं और आम लोगों ने संस्था के इस योगदान की भरपूर सराहना की और भविष्य में हर संभव सहयोग देने की बात कही। रक्तदाताओं को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।

परमजीत सिंह बोले — “रक्तदान सिर्फ सेवा नहीं, जीवनदान है”

परमजीत सिंह ने भावुक स्वर में कहा, “हर बार जब मैं रक्तदान करता हूं, तो लगता है किसी अनजान जिंदगी को छू पाया। हम सभी को इस महान कार्य से जुड़ना चाहिए।”

निष्कर्ष:
बर्नपुर के शांतिनगर में आयोजित यह शिविर न केवल संस्था की उपलब्धि का जश्न था, बल्कि समाज को यह संदेश भी था कि ‘रक्तदान – महादान’ है। फर्स्ट केयर चैरिटेबल फाउंडेशन जैसे संगठनों की आवश्यकता आज के समय में और भी बढ़ गई है।

ghanty

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