25 जून 2025 की तारीख भारत के अंतरिक्ष इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई, जब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने पहली बार एक कमर्शियल स्पेस मिशन पर कदम रखा और अंतरिक्ष से भारतवासियों को भावनात्मक संदेश भेजा।
🛰️ शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा:
शुभांशु अमेरिका के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए। उनके साथ इस मिशन में शामिल हैं—
पेगी व्हिटसन (अमेरिका)
स्लावस्ज़ उज़्नांस्की (पोलैंड)
तिबेर कपु (हंगरी)
🇮🇳 अंतरिक्ष से शुभांशु का पहला संदेश:
“नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों, हम अंतरिक्ष में पहुंच चुके हैं। यह एक अद्भुत यात्रा रही है। मेरे कंधे पर तिरंगा मुझे हर पल यह याद दिला रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं — पूरा भारत मेरे साथ है। यह सिर्फ मेरी नहीं, भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत है। जय हिंद!”
🎵 उड़ान की धुन — “यूं ही चला चल”
शुभांशु ने लॉन्च के दिन जो गाना चुना, वह था — 🎶 “यूं ही चला चल राही…” (स्वदेश फ़िल्म से) यह गाना अब इस मिशन की आत्मा बन गया है — एक प्रतीक दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास और मातृभूमि के प्रेम का।
👪 स्कूल में गर्व, माँ की आंखों में नमी:
लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में इस ऐतिहासिक पल को देखने शुभांशु की माँ भी मौजूद थीं। उन्होंने भावुक होकर कहा—
“डरने की कोई बात नहीं है। हम गर्वित हैं, बेहद खुश हैं। उसका सपना अब सच्चाई बन गया।”
🌍 भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की नई शुरुआत:
राकेश शर्मा (1984) के बाद यह पहला मौका है जब एक भारतीय फिर से अंतरिक्ष में गया है। हालांकि, इस बार भारत की भागीदारी कमर्शियल मिशन में हुई, जो भविष्य में भारत के स्वदेशी मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई गति देगा।
📌 निष्कर्ष:
शुभांशु शुक्ला की ये उड़ान न केवल भारत के लिए गौरव की बात है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी है। उनकी उड़ान में हर भारतवासी का सपना और आत्मा बसी है।
🇮🇳 शुभांशु की आंखों में सितारे नहीं, भारत की उम्मीदें चमक रही थीं। जय हिंद, जय विज्ञान, जय अंतरिक्ष! 🚀✨