नदिया ज़िला (पश्चिम बंगाल):
शांतिपुर ब्लॉक के अंतर्गत फुलिया ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के परिजनों को गर्मियों की इस तपती दोपहर में सबसे ज्यादा जिस चीज़ की जरूरत होती है, वो है शुद्ध पीने का पानी। लेकिन अफसोस की बात यह है कि अस्पताल के बाहर लगे नल और ट्यूबवेल पिछले कई हफ्तों से खराब पड़े हैं।
🚱 बाहर नलों से नहीं टपकती एक बूंद भी
अस्पताल के अंदर भले ही पानी उपलब्ध है, लेकिन बाहर लगे दो नल—एक सजल धारा और एक ट्यूबवेल—पूरी तरह से बंद हैं। इनका उपयोग मुख्यतः मरीजों के परिजन, गर्भवती महिलाओं के साथ आने वाली महिलाएं, और छोटे बच्चे करते थे।
💬 पीएचई ने अंदर किए सुधार, बाहर अब भी हाल बेहाल
सूत्रों के अनुसार, कुछ हफ्तों पहले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग ने अस्पताल के अंदर की जलापूर्ति व्यवस्था को ठीक किया था, लेकिन बाहर की व्यवस्था को अनदेखा कर दिया गया।
😓 परिजन परेशान, महिलाएं-वरिष्ठ नागरिक पानी की तलाश में भटकते हैं
गर्मी के इस मौसम में, बाहर इंतज़ार कर रहे बुजुर्ग और महिलाओं को पानी की तलाश में अस्पताल परिसर से दूर तक जाना पड़ता है। कुछ लोग मजबूरी में बोतलबंद पानी खरीद रहे हैं, जो हर किसी के बस की बात नहीं।
🗣️ प्रशासन का वादा – एक महीने में सब ठीक होगा
शांतिपुर पंचायत समिति के अध्यक्ष ने भी स्थिति को स्वीकार करते हुए वादा किया है कि “अगले एक महीने के भीतर सभी खराब नलों की मरम्मत कर दी जाएगी।” हालांकि लोगों में इस आश्वासन को लेकर शंका और नाराज़गी दोनों है।
🔥 लोगों का सवाल – पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए इंतज़ार क्यों?
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र जैसे संवेदनशील स्थान पर अगर पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा न हो, तो यह स्वास्थ्य सेवा की गंभीर विफलता मानी जानी चाहिए।