आसनसोल: पश्चिम बंगाल में अवैध बालू खनन के खिलाफ आवाज उठाना अब खुद के लिए ही मुसीबत बन सकता है। आसनसोल के पूर्व मेयर और भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। दरबा डांगा घाट में जब उन्होंने अवैध बालू खनन का विरोध किया, तो बालू माफियाओं ने उन पर हमला कर दिया। मगर अब उलटा उन्हीं पर एफआईआर दर्ज कर दी गई, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

🚨 अवैध बालू माफियाओं के खिलाफ गए थे, हमला भी हुआ और केस भी दर्ज!
घटना दो दिन पहले जामुड़िया के दरबा डांगा घाट की है, जहां जितेंद्र तिवारी जल आपूर्ति प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने गए थे। वहां अवैध खनन की शिकायतों की पुष्टि करने के दौरान बालू माफियाओं ने उन पर हमला कर दिया। इसके बाद जो हुआ, उसने हर किसी को चौंका दिया – हमला झेलने के बावजूद पुलिस ने उन्हीं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।⚠️ करोड़ों के जल परियोजना पर खतरा, माफियाओं को मिला प्रशासनिक संरक्षण?

तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दरबा डांगा घाट पर करोड़ों की लागत से बना वाटर प्रोजेक्ट बालू माफियाओं के कारण खतरे में पड़ गया है। अवैध खनन के चलते जल स्रोत को भारी नुकसान पहुंच रहा है, जिससे भविष्य में पानी की गंभीर समस्या हो सकती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद अवैध कारोबार पर रोक लगाने की बात कह चुकी हैं, लेकिन पश्चिम बर्धमान के जामुड़िया में बालू माफिया बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो पंप हाउस के कर्मचारियों ने ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी।

🔥 “मैं डरने वाला नहीं, लड़ाई जारी रहेगी!” – जितेंद्र तिवारी
तिवारी ने इसे निंदनीय बताया और कहा कि वे किसी धमकी से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि वह बालू माफियाओं और प्रशासन की मिलीभगत को उजागर करेंगे और इस अवैध कारोबार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई जारी रखेंगे।











