आसनसोल: ट्रांसमीटो डेवलपमेंट फाउंडेशन के कर्णधार मोहम्मद नदिम और उनके सहयोगियों पर निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़पने के गंभीर आरोप लगे हैं। कंपनी पर आरोप है कि उन्होंने प्रोजेक्ट्स के नाम पर बड़ी संख्या में लोगों से पैसा एकत्र किया, लेकिन अब जब रिफंड की बारी आई तो वे पीछे हट गए हैं। इस घटनाक्रम से निवेशकों में भारी आक्रोश है।
महिला निवेशक शबनम परवीन की दर्दनाक कहानी
छत्तीसगढ़ की निवासी शबनम परवीन ने बताया कि मोहम्मद नदिम और उनके साथियों ने प्रोजेक्ट्स में भारी मुनाफे का झांसा देकर उनसे और उनके इलाके के लोगों से लाखों रुपये निवेश करवा लिए। शबनम ने कहा, “हमें भरोसा दिलाया गया था कि हमारा पैसा सुरक्षित रहेगा और जल्द ही हमें शानदार रिटर्न मिलेगा। लेकिन अब कंपनी के अधिकारी अपने वादों से मुकर रहे हैं।”
शबनम के मुताबिक, अब हालत यह हो गई है कि जिन लोगों ने उनके कहने पर पैसा निवेश किया था, वे उनके घर आकर रकम वापस मांग रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह खुद भी आर्थिक तंगी का सामना कर रही हैं और निवेशकों का पैसा लौटाने की स्थिति में नहीं हैं।
कंपनी के दफ्तर का दौरा और मोहम्मद नदिम की बेरुखी
इस मामले को लेकर शबनम परवीन आसनसोल पहुंचीं, जहां ट्रांसमीटो डेवलपमेंट फाउंडेशन का मुख्यालय जुबली इलाके में स्थित है। लेकिन उनका कहना है कि मोहम्मद नदिम उनसे मिलने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैंने मोहम्मद नदिम से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह हर बार मुझे टालते रहे। अब मुझे प्रशासन से ही न्याय की उम्मीद है।”
प्रशासन से गुहार और निवेशकों की उम्मीदें
शबनम ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में हस्तक्षेप करें और कम से कम निवेशकों की मूल रकम वापस दिलाने की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि इस मामले से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है।
निवेशकों में आक्रोश और कानूनी कार्रवाई की मांग
इस घटना से आहत निवेशकों ने स्थानीय प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। निवेशकों का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी रकम वापस नहीं मिली तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। कुछ निवेशक मामले को कोर्ट में ले जाने की भी तैयारी कर रहे हैं।
क्या कहता है कानून?
वित्तीय मामलों के जानकारों का कहना है कि यदि कंपनी ने निवेशकों से पैसे लेकर उन्हें रिटर्न देने से इनकार किया है, तो यह सीधे तौर पर धोखाधड़ी का मामला बनता है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई के तहत कंपनी प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज हो सकता है।
भविष्य की राह
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल पाएगा। इस प्रकरण ने एक बार फिर छोटे निवेशकों को बड़े वादों के झांसे में आने के प्रति सतर्क रहने की जरूरत को उजागर किया है।