कोलकाता के सेशन कोर्ट में आज (20 जनवरी, 2025) आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के दोषी संजय रॉय की सजा का ऐलान किया जाएगा।
सेल्डह के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने 18 जनवरी, 2025 को संजय रॉय को इस जघन्य अपराध का दोषी ठहराया था। अदालत ने कहा कि रॉय पर लगे आरोपों में न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है और अधिकतम मौत की सजा हो सकती है।
मां ने कहा- “कोर्ट जो भी फैसला ले, मुझे मंजूर”
दोषी की मां ने मीडिया से कहा, “अगर अदालत मेरे बेटे को फांसी देती है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। उसने जो अपराध किया है, उसकी सजा उसे मिलनी चाहिए।”
पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने सीबीआई जांच पर उठाए सवाल
मृत डॉक्टर के माता-पिता ने सीबीआई की जांच को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर जांच सही तरीके से होती, तो कई और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता था।
दोषी ने कहा- “मुझे फंसाया जा रहा है”
संजय रॉय ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया और कहा, “मैंने कुछ नहीं किया। मुझे झूठा फंसाया जा रहा है। पुलिस ने मुझे मारा है और मेरे परिवार ने भी मेरा साथ छोड़ दिया।”
अदालत में भारी सुरक्षा के बीच सजा का ऐलान
सेल्डह कोर्ट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं। दोषी को जेल से सुबह 10:15 बजे कोर्ट लाया गया। कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए, जिनमें से कुछ दोषी की झलक पाने के लिए रेलिंग पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस मामले ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी नेता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि अन्य दोषियों को भी सजा मिलनी चाहिए।
डॉक्टर समुदाय और जनता का गुस्सा
घटना के बाद राज्य भर में डॉक्टरों और आम जनता ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए। डॉक्टरों ने कार्यस्थलों को सुरक्षित बनाने की मांग की।
संभावित सजा: आजीवन कारावास या मौत की सजा?
न्यायाधीश ने कहा कि सजा आजीवन कारावास से लेकर मौत तक कुछ भी हो सकती है। दोषी से उनकी राय मांगी गई है।