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आसनसोल में छात्राओं का अनोखा आनंद मेला, घर के बने व्यंजन से टीमवर्क और आत्मनिर्भरता की सीख!

आसनसोल: बंगाल शिक्षा पोर्टल की ओर से स्टूडेंट्स वीक मनाया जा रहा है, और इसी कड़ी में आसनसोल के तुलसी रानी बालिका शिक्षा सदन में भी एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया गया। छात्राओं ने इस आयोजन को खास बनाने के लिए अपने घरों से स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर स्कूल परिसर में लगाए गए स्टॉल्स पर बेचा। इस कार्यक्रम ने न सिर्फ छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी, बल्कि उनमें टीमवर्क और उद्यमशीलता (एंटरप्रेन्योरशिप) के गुण भी विकसित किए।

मेयर परिषद गुरुदास चटर्जी, जिन्होंने इस मेले का उद्घाटन किया, ने इसे सराहनीय पहल बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रयास महिलाओं की स्वसहायता समूहों की तरह है, जहां बच्चों को स्कूल स्तर पर ही आत्मनिर्भर बनने की कला सिखाई जाती है। इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

स्कूल का उद्देश्य:

विद्यालय की प्रधान शिक्षिका बर्नाली मित्रा ने बताया कि यह कार्यक्रम स्टूडेंट्स वीक के अंतर्गत आयोजित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशलों में भी दक्ष बनाना है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से छात्राओं में आत्मनिर्भरता की भावना मजबूत होती है और वे सीखती हैं कि किस तरह अपने हुनर का उपयोग करके भविष्य में भी सफलता पाई जा सकती है।

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छात्राओं की रसोई से निकली सफलता की खुशबू:

छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट भोजन बनाए और उन्हें मेले में बेचा। इस आयोजन से उन्हें यह समझने का अवसर भी मिला कि व्यवसायिक सोच और टीमवर्क से कैसे सफलता हासिल की जा सकती है।

टीमवर्क और उद्यमशीलता पर ज़ोर:

शिक्षिका ने बताया कि शिक्षा का असली उद्देश्य केवल किताबों तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन के लिए भी तैयार करना चाहिए। यही कारण है कि इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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सामाजिक मीडिया पर चर्चा:

कार्यक्रम की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, और लोग इस पहल की जमकर तारीफ कर रहे हैं। कई अभिभावकों और शिक्षकों ने भी इस कार्यक्रम को छात्राओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

छात्राओं की प्रतिक्रिया:

एक छात्रा ने कहा,
“यह अनुभव बहुत खास था। हमने अपने हाथों से खाना बनाया और उसे खुद बेचा। इससे हमें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिली।”

अभिभावकों की खुशी:

छात्राओं के अभिभावकों ने स्कूल के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उनके बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने में मददगार साबित होंगे।

ghanty

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