चित्तरंजन: चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर छुट्टी रद्द किए जाने और इसे औपचारिक रूप से न मनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बांग्ला पंखों संगठन ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और इसे बंगाली अस्मिता पर हमला करार दिया है।
🚩 नेताजी की विरासत के साथ अन्याय? बंगाली समुदाय में आक्रोश!
बांग्ला पंखों संगठन ने जीएम कार्यालय तक डिप्टीशन देने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें प्रवेश से रोक दिया गया। इसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने गेट के बाहर धरना देकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
मुख्य मांगें:
✅ छुट्टी बहाल हो और नेताजी की जयंती धूमधाम से मनाई जाए।
✅ सीएलडब्ल्यू के आधिकारिक कैलेंडर में नेताजी की जयंती को शामिल किया जाए।
✅ चित्तरंजन दास के नाम को बदलने की किसी भी कोशिश को रोका जाए।
⚡ चित्तरंजन दास के नाम बदलने की साजिश? बंगालियों में गुस्सा!
बांग्ला पंखों के प्रतिनिधि अखय बंदोपाध्याय ने आशंका जताई कि सीएलडब्ल्यू के नाम से जुड़े चित्तरंजन दास के नाम को बदलने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे किसी भी कदम का तीव्र विरोध किया जाएगा।
🔥 बढ़ सकता है आंदोलन! बंगाली अस्मिता का सवाल?
बांग्ला पंखों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही मांगें नहीं मानी गईं तो विरोध प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा। संगठन ने कहा कि बंगाल के महान नेताओं के नाम और विरासत से छेड़छाड़ स्वीकार नहीं की जाएगी।