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बर्नपुर आईएसपी का पुनर्जन्म: डॉ. मनमोहन सिंह की ऐतिहासिक पहल

आसनसोल: बर्नपुर सेल आईएसपी के नवीनीकरण का शिलान्यास भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था। यह परियोजना आज विकास का प्रतीक बन चुकी है और क्षेत्र के हजारों युवाओं को रोजगार का अवसर दे रही है।

डॉ. मनमोहन सिंह का ऐतिहासिक योगदान

24 अक्टूबर 2006 को, डॉ. मनमोहन सिंह ने आसनसोल आकर बर्नपुर प्लांट के नवीनीकरण का उद्घाटन किया था। इससे पहले, 16 फरवरी 2006 को, संकटग्रस्त इस प्लांट को बीएफआर (बोर्ड फॉर इंडस्ट्रियल एंड फाइनेंशियल रीकंस्ट्रक्शन) से निकालकर सेल में विलय किया गया था। यह कदम न केवल उद्योग को पुनर्जीवित करने में सहायक रहा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी नई ऊंचाइयों पर ले गया।

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इस अवसर पर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान, पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय बुद्धदेव भट्टाचार्य और सेल के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

डॉ. सिंह की दृष्टि का सम्मान

आईएनटीटीयूसी नेता हरजीत सिंह ने डॉ. सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह ने बर्नपुर प्लांट को संकट से उबारने का साहसिक कदम उठाया। उनकी इस पहल ने हजारों श्रमिकों और उनके परिवारों की जिंदगी बदल दी।”

आईएनटीटीयूसी के नेता अजय कुमार राय ने कहा, “डॉ. सिंह का योगदान केवल उद्योग तक सीमित नहीं था। उन्होंने आसनसोल और बर्नपुर को नई पहचान दी और हर श्रमिक का भविष्य सुरक्षित किया।”

बर्नपुर आईएसपी: उद्योग के लिए मिसाल

आज बर्नपुर आईएसपी 2.5 मिलियन टन क्षमता के साथ देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे रहा है। यहां का हर कर्मचारी और श्रमिक डॉ. सिंह के योगदान के लिए उनका आभारी है।

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हरजीत सिंह ने भावुक होकर कहा:

“डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक महान अर्थशास्त्री थे, बल्कि एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने देश और उद्योगों के विकास के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए। उनकी कमी हमेशा महसूस होगी।”

स्थानीय जनता का भावुक सम्मान

बर्नपुर और आसनसोल के लोग डॉ. सिंह के योगदान को हमेशा याद रखेंगे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है, और हर कोई उनकी स्मृतियों को नमन कर रहा है।

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