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बाराबनी में अमित शाह के बयान पर बवाल, अंबेडकर का अपमान बर्दाश्त नहीं

बाराबनी: बाराबनी ब्लॉक आदिवासी अधिकार मंच और पश्चिम बंगाल सामाजिक न्याय मंच के संयुक्त प्रयास से आज शाम 4:30 बजे डोमोहानी हाटतला परिसर में एक विरोध सभा का आयोजन किया गया। 18 दिसंबर को संसद सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा। इस टिप्पणी के खिलाफ दोनों संगठनों ने एकजुट होकर यह सभा आयोजित की।

प्रमुख वक्ता और उनके बयान

सभा में उपस्थित प्रमुख वक्ता बाइसी मड्डी, दीपक शर्मा, कल्याण सिंह और तपन दास ने अपने विचार साझा किए। दोनों संगठनों के शीर्ष अधिकारी भी सभा में मौजूद रहे।

बाइसी मड्डी ने कहा, “अंबेडकर सिर्फ एक नाम नहीं हैं, वह आदिवासी और दलित समुदाय के भगवान हैं। उनका अपमान करना पूरे समाज की एकता पर हमला है।”
दीपक शर्मा ने मांग की, “अमित शाह को इस टिप्पणी के लिए तुरंत सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। हम इसे अनदेखा नहीं करेंगे।”

डॉ. भीमराव अंबेडकर: दलित और आदिवासी समुदाय के मसीहा

डॉ. भीमराव अंबेडकर, भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता, ने दलितों, आदिवासियों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया।

  • उन्होंने “अस्पृश्यता” को समाप्त करने के लिए कड़ा संघर्ष किया।
  • दलितों और आदिवासियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के कई कदम उठाए।
  • उन्होंने संविधान में ऐसे प्रावधान जोड़े, जो हर प्रकार के भेदभाव को समाप्त करें।

विरोध सभा में आक्रोश और पुतला दहन

सभा में वक्ताओं ने कहा, “अंबेडकर ने हमारे अधिकारों और सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी। उनका अपमान पूरे समाज का अपमान है।”
स्थानीय निवासियों ने भी इस विरोध में भाग लिया और अमित शाह के बयान की निंदा की। विरोध सभा में अमित शाह का पुतला भी जलाया गया।

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