सोमवार आसनसोल के पूर्व मेयर सह भाजपा नेता जितेन्द्र तिवारी केंदा गाँव धंसान पीड़ितों से मिलने पंहुचे l उन्होंने धंसान क्षेत्र का भी दौरा किया l उन्होंने कहा कि मुझे गाँव वालो ने दो दिन आगे कहा था किन्तु मेने सोचा सरकार के लोग आएंगे और इनकी समस्या का समाधान करेंगे लेकिन यसा नहीं हुआ तो विरोधी दल का नेता होने के नाते में यंहा पंहुचा, तो देख कर येसा लगा कि अंग्रेजो के समय भी इससे बेहतर था, इतना अत्याचार उस वक़्त नहीं होता होगा जो आज इनके साथ हो रहा है l पैच के मालिक जमींदार बने हुए है l कौन टी एम सी नेता है कौन पैच मालिक समझ नहीं आता है l ये गरीब लोग आखिर किसके पास जाकर गुहार लगाये? पंचायत आंख बंद किये हुए है, पंचायत समिति कुछ बोलता नहीं है l विधायक सुनता नहीं है, सांसद नाचने गाने में व्यस्त है l कोई इनकी सुनता नहीं ये जाए तो जाए कहां l वोट के वक़्त वोट लूट लिया जाता है l विरोधी होने के नाते मेरा ये फ़र्ज है जंहा सरकार नहीं सुनती वंहा जाकर सरकार को जगाया जाये वो में करने आया हूँ l क्या किया है उनलोगों ने सिर्फ तार बांध कर छोड़ दिये है l हमारी मांग है यदि यंहा ये लोगों का रहने का सही स्थान है तो यँहा जी एम और पैच के मालिक अपने परिवार के साथ आकर रहें तब उन्हें पता चलेगा ये लोग कैसे भय के साये में जीते है l गरीबो के जीवन की कीमत नहीं है l दीवार पर लिखते है लक्खी भंडार l क्या एक हजार लक्खी भंडार लेने के लिए ये अपना जीवन दें दें? गाँव वालो ने बताया दो लोगो कि मौत हो गई है इस धंसान के कारण जिनका शव तक नहीं मिला l मुख्यमंत्री 4 वर्ष आगे कही थी सरकारी जमीन पर रहने वाले उस जमीन के मालिक हो जायेंगे आजतक इन्हे जमीन का पट्टा नहीं मिला इसलिए ईसीएल से. मुआवजा नहीं मिलता l
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