• nagaland state lotteries dear

दुर्गा पूजा 2024: कोलकाता के पंडालों में दिखी लास वेगास की चमक

दुर्गा पूजा, भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक, माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। इस महापर्व के दौरान कोलकाता के पंडालों की सजावट और थीम विशेष आकर्षण का केंद्र होती हैं। इस वर्ष कोलकाता के पंडालों ने रचनात्मकता और कलात्मकता की नई ऊँचाइयों को छुआ है, जिनमें अद्भुत थीम्स और बारीकियों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

लास वेगास स्फीयर से प्रेरित पंडाल इस पंडाल ने आगंतुकों को लास वेगास की चमचमाती रोशनी और सजावट के साथ एक अलग ही दुनिया में पहुंचा दिया है। पिछले साल, इस पंडाल में अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई थी।

untitleddesign 2024 09 30t134532 592 1727684165

ग्रीन दुर्गा पूजा (लालबागान) लालबागान के इस पंडाल को 8,000 जीवित पौधों से सजाया गया है, जो पर्यावरण की सुरक्षा और हरित जीवन की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह थीम दुर्गा पूजा में एक नई सोच को पेश करता है।

वर्षा जल संरक्षण पंडाल (सॉल्ट लेक) सॉल्ट लेक का यह पंडाल न केवल अद्भुत है बल्कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील भी है। इसमें एक सुंदर झरना और हरा-भरा वातावरण है, जो एक शांतिपूर्ण अनुभव प्रदान करता है। इस पंडाल की विशेष ध्वनियाँ बारिश की बूंदों के संगीत से मिलकर त्योहार के माहौल में धड़कन पैदा करती हैं।

मेट्रो रेल पंडाल (जगत मुखर्जी पार्क) यह पंडाल कोलकाता के मेट्रो रेल सिस्टम का प्रतिरूप है, जिसमें वास्तविक आकार की ट्रेनें और अद्भुत विवरण शामिल हैं।

IMG 20241009 WA0019

सती प्रथा (काशी बोस लेन सार्वजनिन) यह थीम सती प्रथा को समाप्त करने में बंगाल की महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है और भारत के कुछ हिस्सों में अभी भी प्रचलित बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं पर एक महत्वपूर्ण संदेश देती है।

वाराणसी घाट (चेतला) कोलकाता के चेतला अग्रणी दुर्गा पूजा पंडाल में काशी के घाटों और गंगा आरती का प्रतिरूप प्रस्तुत किया गया है। यह प्रदूषण की समस्या को भी उजागर करता है।

cropped vlcsnap 2024 10 04 07h47m22s874

बगीचा थीम (गरियाहाट) त्रिधारा सम्मेलन, दक्षिण कोलकाता में, इस वर्ष “अंगन” थीम को अपनाता है, जो पारंपरिक भारतीय आंगन का प्रतिनिधित्व करता है।

लाइव पंडाल (बागुईहाटी) अर्जुनपुर अमरा सभी क्लब का यह लाइव पंडाल कोलकाता की दुर्गा पूजा की वास्तविक भावना को प्रस्तुत करता है। इस पंडाल की थीम वर्तमान सरकार के तहत बढ़ती आर्थिक असमानता और सांस्कृतिक भेदभाव की बात करती है।

खोई हुई कला (बेहला) दक्षिणदारी यूथ सार्वजनिन पंडाल ने कोलकाता की खोई हुई सांस्कृतिक धरोहर को शानदार तरीके से पेश किया है। कलाकार अनिर्बाण दास ने इसे अपने नायाब सृजन से जीवंत कर दिया है। इसे इस साल के सबसे बेहतरीन पंडालों में से एक माना जा रहा है।

कचरे से बनी प्रतिमा (दक्षिण पारा) दक्षिणपारा दुर्गोत्सव इस साल बेहद लोकप्रिय हो गया है। यहाँ की पूरी सजावट और मूर्तियाँ कचरे से बनी हैं। इस अद्भुत रचनात्मकता के पीछे कलाकार देबाशीष बरुई हैं।

दुर्गा पूजा का उत्सव 10 दिनों तक चलता है और अंतिम दिन, विजय दशमी (12 अक्टूबर), को देवी दुर्गा की मूर्तियों का भव्य विसर्जन किया जाता है।

इस साल दुर्गा पूजा पंडालों में पर्यावरण-संवेदनशीलता, सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता और पारंपरिक भारतीय संस्कृति को जीवंत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। इस बार के पंडाल पर्यावरण सुरक्षा, जल संरक्षण और सांस्कृतिक विविधता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को भी उजागर कर रहे हैं।

ghanty

Leave a comment