आरजी कर मामला में सुप्रीन कोर्ट में क्या हुआ?

बंगाल के साथ पूरा देश कि नज़र आज सुप्रीम कोर्ट कि तरफ है l आरजी कर अस्पताल में एक युवा महिला डॉक्टर की हत्या और बलात्कार की जांच में आज सोमवार को सुनवाई का दूसरा दिन है। सुनवाई की शुरुआत में राज्य ने स्टेटस रिपोर्ट पेश की l सुनवाई की शुरुआत में ही एस जी तुषार मेहता ने शिकायत की कि राज्य द्वारा कई बातें छिपाई गईं है l चीफ जस्टिस ने पूछा, कलकत्ता पुलिस ने पूरी कार्यवाही का वीडियो फुटेज सीबीआई को दिया? कलकत्ता पुलिस ने पूरे तलाशी अभियान की फुटेज सीबीआई को दी? सीबीआई के मुताबिक, 4 क्लिप में 27 मिनट की फुटेज दी गई है l सीज़र 8:30-10-45 दिया गया है। इस संदर्भ में राज्य ने कहा कि तकनीकी खराबी थी l पूरी चीज़ हार्ड डिस्क पर दी गयी है l सीबीआई ने आरजी कर जांच के सभी नमूनों को परीक्षण के लिए एम्स और अन्य फोरेंसिक केंद्रों में भेजने का फैसला किया है l सीबीआई ने राज्य एफएसएल नमूनों और उसकी रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। तुषार मेहता के मुताबिक, ”सैंपल किसने लिया यह महत्वपूर्ण होता जा रहा है.” मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने प्रस्तावना लिफाफे में सौंपी गयी स्टेटस रिपोर्ट की जांच की l सुनवाई में चीफ जस्टिस की बेंच ने सीबीआई को नई स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया l अगले मंगलवार तक ताजा स्थिति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया। साथ ही, मुख्य न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि सीबीआई को उनके सुरागों के साथ जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को है l सोमवार को देश की सर्वोच्च अदालत में सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ”सुबह साढ़े नौ बजे शव मिला l फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब शव मिला तो वह अर्धनग्न था। उसके शरीर पर चोट के निशान थे l सीबीआई ने उन सभी नमूनों को एम्स या किसी अन्य प्रयोगशाला में भेजने का फैसला किया है। मृत युवा डॉक्टर की शव परीक्षण प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए। सीबीआई ने बताया कि पोस्टमॉर्टम कब किया गया-समय का जिक्र नहीं किया गया है l हालांकि राज्य के वकील की दलीलों में हर बात का जिक्र है l तब वकील फ़िरोज़ एडुलजी ने कहा, “दोपहर 2.30 बजे से रात 11.30 बजे तक केवल 10 जीडी प्रविष्टियाँ की गईं। क्या सारा मामला बाद में नहीं बना? बहुत सारे रहस्य हैं।” उस संदेह को देखते हुए, राज्य ने सूचित किया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट वहां मौजूद थे। यदि संदेह हो तो उससे रिपोर्ट मांगें। सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि उनके पास फोरेंसिक रिपोर्ट के बारे में प्रश्न हैं। इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसी इसे एम.एस. के पास भेजना चाहती है l वकील एडुल्जी की टिप्पणी, अपने 27 साल के करियर में उन्होंने ऐसा मामला नहीं देखा l

ghanty

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