ASIA CUP : 41 साल में पहली बार फाइनल में भिड़ेंगे भारत-पाक, कौन होंगे गेम चेंजर्स, जानें डिटेल में

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दुबई : भारत और पाकिस्तान 41 साल में पहली बार एशिया कप के फाइनल में आमने-सामने होने जा रहे हैं। ग्रुप और सुपर-4 स्टेज में टीम इंडिया ने एकतरफा अंदाज में पाकिस्तान को हराया था। दोनों मैच दुबई में खेले गए, अब फाइनल भी दुबई में ही रविवार (कल) को होगा।

फॉर्म और रिदम के लिहाज से टीम इंडिया इस समय पाकिस्तान से काफी आगे नजर आ रही है। हालांकि, पाकिस्तान की टीम में भी उत्साह और विश्वास की कमी नहीं होगी। भारत से दो मैच हारने के बावजूद पाकिस्तान ने अच्छी वापसी की और बांग्लादेश और श्रीलंका को हराकर फाइनल का टिकट हासिल कर लिया है।

तो फाइनल में किस टीम का पलड़ा भारी रह सकता है। यह जानने के लिए हमने टूर्नामेंट में अब तक हुए मैचों को एनालाइज किया। इस एनालिसिस में चार ऐसे फैक्टर्स सामने आए जो फाइनल मैच का नतीजा तय कर सकते हैं।

ये चार फैक्टर्स हैं : पिच और टॉस से जुड़ा कनफ्यूजन, भारत की ओपनिंग जोड़ी, पाकिस्तान के तेज गेंदबाज, भारत की स्पिन तिकड़ी

फैक्टर-1: पिच और टॉस से जुड़ा कनफ्यूजन

दुबई में पिच की निर्णायक भूमिका रही है। यहां 2018 से दुनिया की टॉप-8 टीमों के बीच 20 टी-20 मैच हुए हैं। इनमें से 15 बार चेज करने वाली टीम जीती है। कप्तानों की सोच साफ होती थी कि टॉस जीतो, बॉलिंग चुनो और मैच जीतो। लेकिन पिछले तीन में से दो मैचों में पहले बैटिंग करने वाली टीम मुकाबला जीतने में सफल रही और एक मैच टाई रहा। फाइनल में कप्तानों के सामने कनफ्यूजन रहेगा कि टॉस जीतकर बैटिंग चुनें या बॉलिंग। तो सबसे पहले यह देखना होगा कि फाइनल की पिच होती कैसी है? पिच इस बार भी बड़ा रोल प्ले करेगी और कप्तान का पहले बैटिंग या फील्डिंग का फैसला भी डिसाइडिंग फैक्टर हो सकता है। आगे देखिए दुबई का ओवरऑल रिकॉर्ड।

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फैक्टर-2: भारत की ओपनिंग जोड़ी

भारत की ओपनिंग जोड़ी अपने दम पर पाकिस्तान से मैच छीनने का दम रखती है। अभिषेक शर्मा बेहतरीन फॉर्म में हैं और सुपर-4 स्टेज में लगातार 3 फिफ्टी लगा चुके हैं। वे टूर्नामेंट के टॉप रन स्कोरर हैं और 200 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं।

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अभिषेक एक एंड पर तेजी से रन बनाते हैं, वहीं दूसरे एंड पर शुभमन गिल संभलकर पारी आगे बढ़ाते हैं। वे टिककर रन बनाते हैं। दोनों पाकिस्तान के खिलाफ सेंचुरी पार्टनरशिप भी कर चुके हैं। एशिया कप के 6 मुकाबलों में दोनों ने 45 से ज्यादा की औसत से 273 रन जोड़े हैं। दोनों फाइनल में टिक गए तो पावरप्ले में ही स्कोर तेजी से 80 के करीब पहुंचा देंगे। दुबई की लो-स्कोरिंग पिच को देखते हुए यह स्कोर टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है।

फैक्टर-3: पाकिस्तान की पेस बॉलिंग

शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रऊफ के रूप में पाकिस्तान के पास 2 मजबूत तेज गेंदबाज हैं। दोनों के नाम टूर्नामेंट में 9-9 विकेट हैं। हारिस ने 4 ही मैच में इतने विकेट झटक लिए, वहीं शाहीन ने 6 मुकाबले खेले हैं।

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शाहीन नई गेंद से पारी की शुरुआत करते हैं और ओपनिंग बैटर्स को आउट कर विपक्षी टीम पर दबाव बनाते हैं। दूसरी ओर रऊफ मिडिल और डेथ ओवर्स में अपनी पेस और बाउंस से बल्लेबाजों को परेशान करते हैं। हारिस तो भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव को 3 टी-20 में 3 बार आउट भी कर चुके हैं। पाकिस्तान को मैच में पकड़ बनानी है तो दोनों पेसर्स का चलना बेहद जरूरी है।

फैक्टर-4: भारत की स्पिन तिकड़ी

भारत का स्पिन डिपार्टमेंट भी पाकिस्तान के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कुलदीप यादव 6 ही मुकाबलों में 12 विकेट लेकर टूर्नामेंट के टॉप बॉलर हैं। वहीं वरुण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल ने 4-4 विकेट लिए हैं। दोनों की इकोनॉमी 6.20 से कम ही रहती है।

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कुलदीप पाकिस्तान के खिलाफ हर मुकाबले में एक न एक विकेट तो जरूर लेते हैं। वे मौजूदा टूर्नामेंट में भी टीम के खिलाफ 4 विकेट ले चुके हैं। पाकिस्तानी बैटर्स को कुलदीप और वरुण की स्पिन समझने में बहुत परेशानी हुई है। स्पिनर्स के अलावा जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन भी फाइनल के नतीजे को भारत की ओर मोड़ सकता है।

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